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02 April 2025

वायु प्रदूषण का कोई सुरक्षित स्तर नहीं: विशेषज्ञों ने चेताया, भारत का प्रूदषण से मौतों से इनकार

अध्ययनों और वैज्ञानिक साक्ष्यों से यह साबित हो गया है कि भारत में वायु प्रदूषण और सर्वाधिक वायु प्रदूषण के दौरान प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों तथा तीव्र श्वसन रोग की बढ़ती घटनाओं के बीच सीधा संबंध है। ‘लैंसेट काउंटडाउन’ की एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

‘लैंसेट काउंटडाउन’ की कार्यकारी निदेशक मरीना बेलेन रोमानेलो का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कोलंबिया में हाल में संपन्न विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सम्मेलन में भारत सरकार की उस रिपोर्ट पर चर्चा की गई जिसमें कहा गया है कि वायु प्रदूषण और मृत्यु दर के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर ‘लैंसेट काउंटडाउन’ एक बहुविषयक सहयोगपरक अध्ययन है जिसमें बदलती जलवायु के कारण उभर रहे स्वास्थ्य प्रोफाइल की निगरानी की जाती है।

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रोमानेलो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में वायु प्रदूषण के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों पर प्रकाश डाला, जिसमें फेफड़े के कैंसर, हृदय संबंधी बीमारियों और हृदयाघात का बढ़ता जोखिम आदि शामिल हैं।

रोमानेलो ने कहा, ‘‘इस बात के बहुत पक्के सबूत हैं कि वायु प्रदूषण हर उम्र के लोगों के स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि सरकारें विज्ञान को स्वीकार करें और हवा को साफ करें, क्योंकि इससे आबादी ज़्यादा स्वस्थ और ज़्यादा उत्पादक होगी।’’

जुलाई 2024 में, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा को बताया कि ‘‘देश में ऐसा कोई निर्णायक डेटा उपलब्ध नहीं है जो सिर्फ वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों/बीमारियों के बीच सीधा संबंध स्थापित कर सके।’’ उन्होंने एक लिखित उत्तर में कहा था कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी बीमारियों और इससे संबंधित बीमारियों के लिए जिम्मेदार कारकों में से एक है।

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TAGS: no safe level, air pollution, Experts warn, India denies, deaths due to pollution
OUTLOOK 02 April, 2025
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