राजधानी दिल्ली में लगातार गिर रही वायु गुणवत्ता, 'बेहद खराब' श्रेणी में एक्यूआई
राष्ट्रीय राजधानी में रविवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही और समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 385 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यह जानकारी दी।
ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 385 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। इसके बावजूद कुछ लोग सुबह-सुबह कर्तव्य पथ और आसपास के इलाकों में जॉगिंग करते हुए देखे गए, जो बढ़ते प्रदूषण के बीच स्वास्थ्य जोखिम को दर्शाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के कई प्रमुख स्थानों पर वायु गुणवत्ता ने ‘गंभीर’ स्तर को छू लिया है। राजघाट और आईटीओ में एक्यूआई 417 दर्ज हुआ, जो स्थिति की भयावहता को साफ़ दिखाता है। आनंद विहार, अलीपुर और अशोक विहार जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में एक्यूआई 400 से ऊपर रहा। पुरानी दिल्ली का चांदनी चौक 420 एक्यूआई के साथ सबसे प्रदूषित इलाकों में शामिल रहा, जबकि द्वारका में यह स्तर 378 दर्ज हुआ। धौला कुआं इलाके में वाहनों को घने प्रदूषित कोहरे के बीच सफर करना पड़ा और वहां एक्यूआई 338 रहा।
प्रदूषण का असर केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है। एनसीआर के शहरों में वायु गुणवत्ता और ज्यादा चिंताजनक बनी हुई है। नोएडा में एक्यूआई 435 और ग्रेटर नोएडा में 452 दर्ज हुआ, जो कि गंभीर प्रदूषण की श्रेणी में आते हैं। गाजियाबाद का एक्यूआई 448 और गुरुग्राम का 377 रहा। इन स्तरों ने पूरे क्षेत्र में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने पर मजबूर कर दिया है।
वायु गुणवत्ता लगातार गिरने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू कर दिया है। इसके तहत गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों पर रोक, बीएस-III पेट्रोल तथा बीएस-IV डीजल वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध और कक्षा 5 तक के स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं निलंबित कर दी गई हैं। इसके अलावा गैर-स्वच्छ ईंधन पर चलने वाले उद्योग और गैर-आपातकालीन डीज़ल जेनरेटर भी बंद रहेंगे।