दिल्ली: यूएनएससी की बैठक में बोले विदेश मंत्री जयशंकर, आतंकवाद मानवता पर सबसे बड़ा खतरा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार भारत की मेजबानी में चल रही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी बैठक में भाग लिया और आतंकवाद के विभिन्न खतरों से दुनिया को रूबरू कराया। दिल्ली में चल रही यह बैठक भारत की काउंटर टेररिज्म कमेटी (सीटीसी) की अध्यक्षता में हो रही है। जहां विदेश मंत्री ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरा बताया।
जयशंकर ने शनिवार को कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद आतंकवाद का वैश्विक खतरा लागतार बढ़ रहा है। इसका सबसे अधिक असर एशिया और अफ्रीका में पड़ रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में यूएनएससी की विशेष बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, "आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले दो दशकों में एक महत्वपूर्ण ढांचा विकसित किया है। यह उन देशों को ध्यान में रखने में बहुत प्रभावी रहा है जिन्होंने आतंकवाद को एक राज्य वित्त पोषित उद्यम में बदल दिया था।"
जयशंकर ने सीटीसी सदस्यों से कहा कि दिल्ली में उनकी उपस्थिति इस महत्व को दर्शाती है कि यूएनएससी के सदस्य देशों और हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला, आतंकवाद के इस महत्वपूर्ण और उभरते हुए पहलू पर नजर रखती है।
जयशंकर ने कहा कि वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, एन्क्रिप्टेड मैसेज सर्विसेज और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों ने भी सरकारों और नियामक निकायों के लिए नई चुनौतियां खड़ी की हैं।
इसके अलावा जयशंकर ने कहा कि समाज को अस्थिर करने के उद्देश्य से प्रचार, कट्टरता और साजिश के सिद्धांतों को फैलाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के टूलकिट में शक्तिशाली उपकरण बन गए हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, "दुनिया भर की सरकारों के लिए मौजूदा चिंताओं में एक और अतिरिक्त आतंकवादी समूहों और संगठित आपराधिक नेटवर्क द्वारा मानव रहित हवाई प्रणालियों का उपयोग है।"
जयशंकर ने घोषणा की कि भारत आतंकवाद के खतरे को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए सदस्य देशों को क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करने में यूएनओसीटी के प्रयासों को बढ़ाने के लिए इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड फॉर काउंटर टेररिज्म में आधे मिलियन डॉलर का स्वैच्छिक योगदान देगा।