‘ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को ढहा दो’ का पोस्टर लिए दिखे ट्विटर सीईओ, लोगों ने की आलोचना तो जारी की सफाई
कुछ दिन पहले भारत यात्रा पर आए ट्विटर सीईओ विवादों में घिर गए हैं। दरअसल, यहां एक अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों से मिलने के दौरान जैक डोरसे कुछ महिला पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी मिले। इस दौरान एक ग्रुप फोटो में वे हाथ में एक तख्ती लिए नजर आ रहे हैं जिसमें अंग्रेजी में लिखा है Smash Brahminical Patrriarchy यानी ‘ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को ढहा दो’।
जैसे उनकी यह तस्वीर मीडिया में आई, पोस्टर में लिखे संदेश के राजनैतिक मायने होने के कारण लोगों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी।
एक यूजर ने लिखा “इस तरह का भड़काऊ पोस्टर दिखाकर जैक ने बता दिया है कि वे ब्राह्मणों से नफरत करने वाले, नस्लीय भेदभाव करने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने आप को फेमिनिस्ट दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। वे भारत में राजनीति करने आए हैं। उनको पता होना चाहिए कि दिखावा पूरा हो चुका है।“
जबकि एक अन्य ने लिखा “चुनावों के मौसम में आपको भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की जरूरत नहीं है। फर्जी पत्रकार एक्टविस्टों के बीच पोस्टर दिखाकर जैक ने जाति आधारित, विभाजन करने वाली गंदी राजनीति की है। ट्विटर के नियम और नीतियों के अनुरूप जातीय नफरत फैलाने के लिए जैक का ट्विटर अकाउंट बंद होना चाहिए।“
सोशल मीडिया पर हो रही इस आलोचना के बाद ट्विटर इंडिया ने एक अनाधिकारिक बयान जारी करके कहा है कि “जैक के हाथों में दिख रहा पोस्टर न तो ट्विटर का और न ही हमारे सीईओ का स्टेटमेंट है। बल्कि हमारी कंपनी के उन प्रयासों का प्रदर्शन है जिसमें कंपनी यह देखने, समझने और सुनने की कोशिश कर रही है कि उसके प्लेटफॉर्म पर दुनिया भर में क्या-क्या संवाद चल रहा है।“
इसके अलावा ट्विटर इंडिया ने आगे लिखा... “अभी हाल ही में हम बदलाव लाने वाली कुछ महिलाओं और पत्रकारों से रूबरू हुए और जानने की कोशिश की कि ट्विटर को लेकर उनका कैसा अनुभव है। इस चर्चा में शामिल एक दलित कार्यकर्ता ने अपने अनुभव शेयर किए और जैक को उपहार स्वरूप यह पोस्टर दिया।“
लेकिन ट्विटर की इस सफाई का लोगों पर बहुत फर्क नहीं पड़ा है और लोग लगातार उन पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं और जैक की आलोचना कर रहे हैं।