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27 December 2019

नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के यूपी भवन पर प्रदर्शन, 200 लोग हिरासत में

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर विरोध लगातार जारी है। यूपी का विरोध अब दिल्ली के यूपी भवन तक पहुंच गया है। दिल्ली में शुक्रवार को भारी संख्या में लोगों ने यूपी भवन के बाहर इकट्ठा होकर नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध जताया। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर तानाशाही बर्ताव करने के भी आरोप लगाए और विरोध में नारे भी लगाए। यहां से पुलिस ने करीब 200 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। यह लोग संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान राज्य में कथित पुलिस ज्यादतियों का विरोध कर रहे थे। पुलिस ने यहां धारा 144 लगा रखी है जिस पर प्रदर्शनकारियों को पुलिस बसों में डालकर अज्ञात जगहों पर ले गई।

जामिया के छात्रों ने जताया विरोध

वहीं, जामिया के भी छात्रों ने यूपी भवन का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने कईयों को हिरासत में ले लिया। जामिया समन्वय समिति, ने परिसर में सक्रिय विभिन्न राजनीतिक समूहों के छात्रों से यूपी भवन के "घेराव" का आह्वान किया था। कार्यक्रम स्थल के बाहर भारी सुरक्षा तैनात थी। जैसे ही कुछ प्रदर्शनकारी पहुंचे, उन्हें हिरासत में ले लिया गया और मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पहले एक व्यक्ति विरोध के लिए आया और सड़क पर बैठ गया जब पुलिस ने उसे हिरासत में लेने की कोशिश की तो उसने कार्रवाई पर सवाल उठाया। पुलिस उसे वैन में बैठाकर ले गई।

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लगाई धारा 144

पुलिस ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बैरिकेड्स भी लगा दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने एक बैनर भी लगा रखा था, जिसमें लोगों से कहा गया था कि वे उत्तर प्रदेश भवन के बाहर धरना प्रदर्शन से परहेज करें क्योंकि निषेधाज्ञा लागू है।

नागरिकता संशोधन कानून पर भड़की हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के कई संवेदनशील जिलों में जुमे की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है। राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, अलीगढ़ समेत 21 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बैन किया गया है। 

हिंसा में 19 लोगों की मौत की पुष्टि

गृह विभाग ने गुरुवार को हिंसा में 19 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इसमें 288 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि 61 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए हैं। 327 प्राथमिकी दर्ज की गई और 5,558 निवारक गिरफ्तारियां की गई। हिंसा के आरोप में 1,113 लोगों को को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक  संभल, यमुना प्रसाद ने कहा कि हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए 150 लोगों के पोस्टर जारी किए गए हैं और 55 की पहचान की गई है।

क्या है नागरिकता कानून

बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना झेलने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, जैन, बौद्धों और पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण ली है। विरोध करने वालों का कहना है कि मुसलमानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखना संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मौलिक अधिकार का उल्लंघन है और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।

 

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OUTLOOK 27 December, 2019
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