शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव चिह्न ‘‘धनुष एवं तीर’’ आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। प्रधान न्यायाधीश ने हालांकि कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
पीठ ने कहा, ‘नियम सभी पर समान रूप से लागू होता है। कल उचित प्रक्रिया के माध्यम से आएं।’ निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे ‘धनुष एवं तीर’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था।
वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) के भरत गोगावाले ने कहा- 'हमने स्पीकर को नोटिस दिया है। हम ईसीआई के आदेश का पालन कर रहे हैं। आगे कैसे बढ़ना है, इस पर हम विचार करेंगे। चूंकि ईसीआई ने हमें शिवसेना के रूप में मान्यता दी है, इसलिए यह कार्यालय अब हमारा है।'
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था।
बता दें कि आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनाव पूरा होने तक 'धधकती मशाल' चुनाव चिह्न रखने की अनुमति दी। आयोग ने कहा कि शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों को 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में लगभग 76 प्रतिशत वोट मिले। तीन सदस्यीय आयोग ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को विजयी शिवसेना उम्मीदवारों के पक्ष में 23.5 प्रतिशत वोट मिले।