गंगा सफाई योजना को लेकर उमा भारती ने दी आमरण अनशन करने की धमकी
गंगा सफाई योजना शुरू करने को लेकर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आमरण अनशन करने का ऐलान कर दिया है। उमा ने कहा कि यदि गंगा स्वच्छता से जुड़ी योजनाएं अगले साल अक्टूबर तक नहीं शुरू हुईं, तो वह आमरण अनशन शुरू करेंगी।
उमा भारती ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट से पूरे देश को गंगा के स्वच्छ और निर्मल होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन तीन साल बीत गए न गंगा साफ हुई और न साफ होने का कोई ठोस प्रयास दिख रहा है। हालांकि पहले गंगा साफ करने का जिम्मा उमा भारती को ही मिला था।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में यह टिप्पणी की। केंद्रीय मंत्रिमंडल में सितंबर में फेरबदल के बाद गडकरी को जल संसाधन मंत्रालय का कार्यभार सौंपने से पहले यह भारती के ही पास था। उस दौरान ये खबरें आई थीं कि गंगा से जुड़ी योजनाओं को लेकर मोदी उमा भारती के काम से संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कार्यक्रम में कहा, ‘मैं गंगा से जुड़ी योजना अक्टूबर, 2018 तक लागू होते हुए देखना चाहती हूं। मैं यह नहीं कह रही हूं कि मैं योजनाओं का (पूर्ण क्रियान्वयन) देखना चाहती हूं, लेकिन उसे शुरू होते हुए या आधे सफर तक पहुंचते हुए देखने की इच्छुक हूं।’
उमा ने कहा, यदि ऐसा नहीं हुआ तो मैं प्रयाग में महाउपवास से महाप्रयाण पर बैठ जाऊंगी। इस दौरान उन्होंने यह कहते हुए गडकरी की प्रशंसा की कि गंगा की साफ-सफाई काम को लागू करने वाले मंत्रालय की बागडोर सही व्यक्ति के हाथ में है।
गौरतलब है कि अविरल गंगा के अभियान के तहत केंद्र सरकार ने नामामि गंगे योजना शुरू की थी, जिसके तहत जून 2014 में 20 हजार करोड़ का बजट पास किया गया था। इस बड़े बजट के बावजूद गंगा सफाई पर कोई बड़ा नतीजा नजर नहीं आ रहा है। अब उमा भारती ने आमरण अनशन की धमकी देकर इस मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेर लिया है।