एक फरवरी को ही पेश होगा बजट, याचिका खारिज
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति एनवी रमण और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका विचारार्थ स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा एक भी ठोस उदाहरण नहीं है कि केंद्रीय बजट पेश करने से राज्यों में होने वाले चुनाव में मतदाता प्रभावित होंगे
न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि यदि केंद्रीय बजट में सरकार आचार संहिता का उल्लंघन करती है तो आप उसके पास फिर आ सकते हैं। केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है।
संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुए न्यायालय ने कहा कि संविधान में केंद्र, राज्य और समवर्ती विषयों का स्पष्ट विभाजन है और बजट पेश करना राज्यों के चुनाव, जो होते ही रहते हैं, पर निर्भर नहीं है। न्यायालय शर्मा की इन दलीलों से प्रभावित नहीं हुआ कि केंद्र अपने बजट में इन राज्यों के मतदाताओं को लुभाने वाली घोषणाएं कर सकती है। पीठ ने कहा कि आपकी दलील बेहूदा है। इस तरह तो आप कहेंगे कि केंद्र में सत्तारूढ़ दल को राज्य के चुनाव नहीं लड़ने चाहिए।
पीठ इस तर्क से भी सहमत नहीं हुई कि पहले भी केंद्र ने विधान सभा चुनावों के कारण बजट पेश करना स्थगित कर दिया था। याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार को एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 2017-18 का बजट एक फरवरी की बजाय बाद में पेश करे। केंद्र सरकार पहले ही 31 जनवरी से संसद का बजट सत्र बुलाने का निर्णय कर चुकी है। इसके अगले दिन एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाना है। (एजेंसी)