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19 November 2018

सीबीआई डीआईजी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, राज्यमंत्री ने ली घूस, अजीत डोभाल ने जांच प्रभावित की

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अंदर जारी संघर्ष के बीच एक और सीबीआई अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। सीबीआई में शीर्ष दो अधिकारियों में मचे घमासान से जुड़े इस प्रकरण में सीबीआई डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा ने अपने तबादले के आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि उनका तबादला एक अहम मामले में जांच की दिशा को बदलने के लिए किया गया है। अपनी अर्जी में मनीष कुमार ने दावा किया कि जांच के दौरान आरोपी ने मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का नाम लिया और आरोप लगाया कि डोभाल ने जांच प्रभावित करने की कोशिश की।

तबादले के आदेश को स्थगित करने के साथ-साथ मनीष कुमार ने कोर्ट से अपील की है कि तबादले के मामले की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) से जांच कराई जाए। मनीष कुमार ने कोर्ट से कहा है कि उनका तबादला सीबीआई से नागपुर करके एक वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है।

'राज्यमंत्री ने लिए कुछ करोड़ रुपए'

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सीबीआई अधिकारी ने दावा किया कि 'एक राज्यमंत्री पार्थीभाई चौधरी ने कुछ करोड़ रुपये की रिश्वत ली।' साथ ही मनीष सिन्हा का दावा है कि उनका तबादला राकेश अस्थाना को मदद पहुंचाने के इरादे से किया गया है। साथ ही नीरव मोदी के मामले की जांच भटकाने की भी जानबूझकर कोशिश की गई। सीबीआई अधिकारी मनीष सिन्हा ने राकेश अस्थाना के खिलाफ SIT जांच की मांग भी की है।

गौरतलब है कि मनीष कुमार सिन्हा सीबीआई अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने के एक अहम मामले की जांच कर रहे थे। सिन्हा ने कोर्ट से कहा है कि अस्थाना ने रिश्वत लेकर हैदराबाद के एक कारोबारी सतीश सना को सीबीआई के सम्मन से बचने में मदद करने का काम किया है। सतीश सना मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ चल रहे कई मामलों की सीबीआई जांच में सह-आरोपी है। सतीश सना पर भी मनी लॉन्डरिंग के मामले में जांच हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट से लगाई गई गुहार में मनीष कुमार ने बताया कि 16 अक्टूबर, 2018 को सीबीआई ने एक आरोपी मनोज प्रसाद को दुबई से दिल्ली पहुंचते ही गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के साथ सीबीआई के अधिकारी मनोज कुमार को दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय पर ले गए। लेकिन सीबीआई मुख्यालय पहुंचने के बाद कुछ घंटों तक मनोज कुमार ने सवालों का जवाब देने की जगह अधिकारियों को धमकाने का काम किया। पूछताछ में सहयोग करने की जगह मनोज कुमार ने सीबीआई अधिकारियों को धमकाने के लिए उच्चे पदों पर आसीन अधिकारियों से अपने नजदीकी रिश्ते का हवाला दिया।

मनीष कुमार ने कोर्ट से लगाई गुहार में बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी मनोज ने दावा किया कि उसके पिता दीनेश्वर प्रसाद खुफिया विभाग से ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए हैं और मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से उनके बेहद नजदीकी रिश्ते हैं। मनीष कुमार ने बताया कि सीबीआई मुख्यालय पहुंचने के बाद सबसे पहले मनोज ने अजीत डोभाल का हवाला देते हुए पूछताछ कर रहे अधिकारियों का तबादला कराने की धमकी तक दी।

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OUTLOOK 19 November, 2018
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