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02 July 2018

रामदेव की इस बात से नाराज हुईं उमा भारती, कहा- चापलूसी, साजिश मुझे नहीं आती

File Photo

योग गुरु बाबा रामदेव के एक बयान से केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ‘नाराज’ हो गई हैं और उन्होंने एक पत्र के माध्यम से अपनी नाराजगी का इजहार किया है। बीते दिनों लंदन में एक टीवी चैनल को इंटरव्यू के दौरान बाबा रामदेव ने गंगा की सफाई पर असंतोष जताते हुए नितिन गडकरी की तारीफ की थी। उन्होंने उस दौरान दो मंत्रियों के कामों की तुलना करते हुए कहा था कि आज भी गंगा दूषित ही है। बाबा रामदेव ने कहा कि गंगा पर काम तो हुआ है, लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए। बातचीत में रामदेव ने गंगा स्वच्छता कार्यक्रम के संदर्भ में एक सवाल के जवाब में कहा था कि उमा जी की फाइल आफिस में अटक जाती है जबकि गडकरी जी की फाइल नहीं अटकती। उन्होंने कहा था कि देश में सबसे ज्यादा किसी मंत्री का काम दिखता है तो वह नितिन गडकरी का है।

उमा को बुरी लगी दो मंत्रियों की तुलना

उमा भारती को दो मंत्रियों की इस तरह तुलना अजीब लगी। उन्होंने अब इस मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए बाबा रामदेव को बाकायदा एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा कि इस योजना में शुरू से ही नितिन जी भागीदारी रहे हैं। अब वे मेरी भी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। गंगा पर पहले जो हुआ उसमें उनकी भूमिका थी, अब जो हो रहा उसमें मेरी भूमिका है। इसमें तुलना नहीं हो सकती। पहले प्लानिंग की स्टेज थी और अब क्रियान्वयन की स्टेज है। 2019 तक गंगा के संबंध में प्रधानमंत्री जी संकल्प पूरा कर देंगे।

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'अंदरूनी विषयों की बाहर निकली जानकारी हो सकती है भ्रामक'

पत्र में उमा भारती ने ये भी बताया कि इन विषयों की अंदरूनी जानकारी प्रधानमंत्री, नितिन गडकरी और मेरे अलावा किसी को नहीं हो सकती। लिहाजा इस बारे में बाहर निकली जानकारी भ्रामक हो सकती है। उमा भारती ने कहा कि गंगा पर किए गए कार्य से मुझे संतोष है। नितिन गडकरी भी इसकी प्रशंसा करते हैं।

'आप मेरे आत्मसम्मान पर आघात कर रहे हैं'

उमा ने पत्र में कहा कि मुझे आपके द्वारा गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना अजीब लगा। मैं स्वयं भी नितिन गडकरी जी की प्रशंसक हूं। साथ ही उनकी संगत में काम करके में गर्व महसूस करती हूं। उमा भारती ने कहा कि पूरी दुनिया के सामने लंदन से एक टीवी चैनल पर मेरे बारे में चर्चा करते समय शायद यह आपको ध्यान नहीं रहा कि आप मुझे निजी तौर पर आहत और मेरे आत्मसम्मान पर आघात कर रहे हैं।

'चालाकी, चापलूसी और साजिश मुझे नहीं आती'

पत्र में आगे उन्होंने कहा कि आठ साल की उम्र से अभी तक इन 50 सालों में घोर परिश्रम, विचारनिष्ठा और राष्ट्रवाद मेरी शक्ति है। यही मेरी विश्ववसनीयता के आधार रहे। इसी से देश की राजनीति में, भाजपा और संगठन में मुझे उचित स्थान मिले। चालाकी, चापलूसी और साजिश मुझे आती नहीं। इसके बिना ही मेरा काम चल गया और आगे भी चल जाएगा।

साथ ही उमा भारती ने अंत में कहा कि चूंकि ने आपने सार्वजनिक रूप से यह टिप्पणी की है इसलिए मैं यह पत्र सार्वजनिक करूंगी।

बाबा रामदेव ने दिया जवाब

उमा भारती की नाराजगी के कुछ ही घंटे के भीतर बाबा रामदेव ने साफ कर दिया कि उन्हें आहत करने का कोई इरादा नहीं था। रामदेव ने ट्वीट कर कहा कि उमा भारती के साथ मेरा आध्यात्मिक भाई-बहन का संबंध है। उन्होंने लिखा, 'पूज्य उमा भारती जी के साथ मेरा आध्यात्मिक भाई-बहन का संबंध है। उनके सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी। मेरा मकसद गंगा की कार्ययोजना पर उन्हें आ रही प्रारम्भिक व प्रशासनिक कठिनाइयों की ओर इशारा करना भर था। उनकी गंगा-निष्ठा, धर्म-निष्ठा और राष्ट्र-निष्ठा प्रशंसनीय है।'

 

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TAGS: Union minister, uma bharti, nitin gadkari, baba ramdev, ganga mission
OUTLOOK 02 July, 2018
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