उन्नाव गैंगरेप केसः भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर सीबीआइ ने दायर की एक और चार्जशीट
उन्नाव गैंगरेप कांड में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर कानूनी शिकंजा कस गया है। सीबीआइ ने पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के फर्जी मुकदमे में कुलदीप सिंह सेंगर सहित 10 आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल की है। इसके बावजूद भाजपा ने आरोपी विधायक को पार्टी से निष्कासित नहीं किया है। जिसे लेकर विपक्ष हमलावर है।
सीबीआई ने शुक्रवार को उन्नाव गैंगरेप कांड में पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के फर्जी मुकदमे में चार्जशीट दाखिल की है। पीड़िता के पिता के साथ हुई मारपीट में जुडिशल कस्टडी में नौ अप्रैल को मौत हुई थी। सीबीआई की चार्जशीट में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई, उन्नाव के माखी थाने के एसओ अशोक सिंह भदौरिया, सब इंस्पेक्टर केपी सिंह समेत 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इसके पहले उन्नाव गैंगरेप कांड में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को आरोपी बनाते हुए सीबीआई ने बुधवार को चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें दोनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट भी लगाया गया है।
सेंगर पर आरोप है कि उसने चार जून को पीड़िता से अपने आवास पर रेप किया था। पीड़िता को शशि सिंह उसके पास लेकर गई थी और जिस वक्त विधायक अपराध कर रहा था तो वो कमरे से बाहर खड़ी होकर पहरा दे रही थी। इसके पहले सात जुलाई को दाखिल की गई चार्जशीट में कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर सहित पांच को आरोपी बनाया गया था।
विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मामले में सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि भाजपा का तो यही काम करने का तरीका है, यह सभी जानते हैं। अपराधियों को संरक्षण देते हैं, यह दोहरा चरित्र है। पूरे मामले में कानून का पालन होना चाहिए और कानून की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह का कहना है कि किसी भी मामले में सरकार और संगठन की मंशा साफ नहीं है। मंत्री और विधायक ही कानून व्यवस्था की स्थिति को खराब किए हुए हैं। मुख्यमंत्री के आंखों में मोतियाबंद हो गया है। जेल से लेकर सड़क तक आम आदमी सुरक्षित नहीं है। शुरू से आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। चाहे वह आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत का मामला हो या जेल में हत्या। इन विभागों के प्रमुख सचिवों पर क्यों नहीं कार्यवाही हो रही है।
रालोद के यूपी प्रभारी राजकुमार सांगवान का कहना है कि भाजपा को अपना चरित्र देखना चाहिए, यह कथनी और करनी में अंतर है। बेगुनाह व्यक्तियों को मौत के घाट उतार रहे हैं और आपराधिक छवि के लोगों को पनाह दे रहे हैं। जो भाजपा में है, वह पवित्र है, बाकी अपराधी हैं। ऐसे विधायक को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए।
भाजपा के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन का कहना है कि सरकार ने एसआइटी जांच कराई और सीबीआइ जांच की सिफारिश की। सरकार की प्राथमिकता है कि पीड़िता को न्याय मिले। सपा और बसपा सरकार के दौरान तो एफआईआर तक नहीं होती थी। गायत्री प्रजापति और मनोज पारासर उदाहरण हैं। रही बात विधायक कुलदीप सेंगर कि तो पार्टी उचित समय पर उचित निर्णय लेगी।