यूपी कोर्ट ने AAP सांसद संजय सिंह के खिलाफ जारी किया गैर-जमानती वारंट, जाने क्या है आरोप
सुल्तानपुर की एक एमपी/एमएलए कोर्ट ने AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पांच अन्य के खिलाफ मंगलवार को गैर जमानती वारंट जारी किया, क्योंकि वे सड़क जाम विरोध से संबंधित दो दशक से अधिक पुराने मामले में दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद भी आत्मसमर्पण करने में विफल रहे।
कोर्ट ने 6 अगस्त को सिंह, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक अनूप सांडा और अन्य की 45 दिन की जेल की सजा को बरकरार रखा था और उन्हें 9 अगस्त को आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था।
शुक्रवार को सिंह संसद की कार्यवाही का हवाला देते हुए कोर्ट नहीं आए और अगली सुनवाई सोमवार, 12 अगस्त को तय की गई। हालांकि, एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के छुट्टी पर होने के कारण सोमवार को सुनवाई नहीं हुई।
मंगलवार को एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने सिंह और अन्य दोषियों के खिलाफ कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए उपस्थित न होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया।
संजय सिंह के अधिवक्ता मदन सिंह ने बताया कि मंगलवार को विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा अदालत में उपस्थित हुए और मामले में दोषी ठहराए गए सभी लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, घटना 19 जून 2001 को हुई थी, जब डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी के तत्कालीन नेता अनूप सांडा और सिंह ने अपने समर्थकों के साथ बिजली के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के दौरान यहां एक फ्लाईओवर के पास सड़क जाम कर दी थी।
विशेष अदालत के तत्कालीन मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने 11 जनवरी 2023 को सांडा और सिंह समेत सभी छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए 45 दिन की जेल और 1500-1500 रुपये का जुर्माना लगाया था। पिछले सप्ताह विशेष सत्र न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) एकता वर्मा ने सिंह और सांडा की दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी थी। 2012 में गठित आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में से एक संजय सिंह सुल्तानपुर जिले के निवासी हैं और पहले डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े थे।