यूपी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा; 42 प्रतिशत अभ्यर्थी ही हुए उपस्थित, शुरुआत में बड़े पैमाने पर हुए थे विरोध प्रदर्शन
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा, जिसकी शुरुआत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, रविवार को संपन्न हो गई, जिसमें केवल 42 प्रतिशत अभ्यर्थी ही उपस्थित हुए। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सचिव अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस और अन्य एजेंसियों की निगरानी में परीक्षाएं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुईं।
उन्होंने पीटीआई से कहा, "रविवार को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। परीक्षा की निष्पक्षता के लिए दोहरी स्तरीय व्यवस्था लागू की गई थी, जिसमें पुलिस और एजेंसी अलग-अलग जांच कर रही थीं।" उन्होंने कहा कि सभी परीक्षाएं सीसीटीवी की निगरानी में आयोजित की गईं और लाइव स्ट्रीम की गईं तथा अभ्यर्थियों की आंखों की पुतलियों और अन्य बायोमेट्रिक्स की जांच की गई, ताकि प्रॉक्सी को बाहर किया जा सके।
कुमार ने कहा, "आयोग में स्थापित नियंत्रण कक्ष से प्रत्येक केंद्र के प्रत्येक अभ्यर्थी पर नजर रखी गई। यह निगरानी पूरे प्रदेश में 1,331 केंद्रों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए की गई। जैसे ही कोई अभ्यर्थी घूमता हुआ दिखाई दिया, हमने तुरंत संबंधित केंद्र को सूचित किया कि वह अभ्यर्थी क्या कर रहा है।" उन्होंने कहा कि नकल की एकमात्र घटना एटा के जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज में हुई, जहां एक अभ्यर्थी ईयरफोन लगाकर आया था। पुलिस ने उस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
अधिकारियों ने बताया कि कुल 5,76,154 अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिनमें से केवल 2,41,212 अभ्यर्थी (करीब 42 प्रतिशत) ही परीक्षा में शामिल हुए। 15 नवंबर को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने घोषणा की थी कि प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा-2024 22 दिसंबर को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। इस निर्णय का छात्रों ने विरोध किया, जिन्होंने मांग की कि दोनों परीक्षाएं एक ही दिन आयोजित की जाएं। विरोध प्रदर्शन पांच दिनों तक जारी रहा और जब आयोग ने घोषणा की कि वह एक ही दिन में परीक्षाएं आयोजित करेगा तो इसे समाप्त कर दिया गया।