यूपी सीएम योगी पर 'आपत्तिजनक ट्वीट' करने पर पत्रकार गिरफ्तार, एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा
एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। कनौजिया को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़े एक वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट करने के मामले में यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। साथ ही उन पर कथित तौर पर ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ करने का आरोप है। फ्रीलांस पत्रकार कनौजिया के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआइआर भी दर्ज की गई है। प्रशांत कनौजिया को दिल्ली में मंडावली स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया गया था।
प्रेस की आजादी पर हमला, कानून का दुरुपयोग
गिल्ड ने एक बयान में कहा कि एडिटर्स गिल्ड नौएडा के पत्रकार कनौजिया की गिरफ्तारी की निंदा करी है। उसने कहा कि पुलिस ने कानून का दुरुपयोग करते हुए अनुचित कार्रवाई की है। गिल्ड ने नोएडा के टेलीविजन चैनल नेशन लाइव की संपादक इशिता सिंह और प्रमुख अनुज शुक्ला की गिरफ्तारी की भी निंदा की है। गिल्ड का कहना है कि पत्रकारों की गिरफ्तारी मीडिया की आजादी पर हमला है।
योगी को लेकर वीडियो किया था रीट्वीट
जानकारी के अनुसार, पत्रकार ने कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़े एक वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया था। प्रशांत दिल्ली में वेब पार्टल में काम करते थे। 6 जून को पत्रकार ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक मीडिया संस्थान का वीडियो कथित तौर पर शेयर किया था। जिसमें एक लड़की खुद को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रेमिका बता रही थी। उन्होंने वीडियो के साथ कैप्शन भी दिया था, जिसे ‘आपत्तिजनक’ बताया जा रहा है।
मानहानि की धारा लगाई गई
इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशांत पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में केस दर्ज किया गया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मुख्यमंत्री के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी कर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है। लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज एफआईआर में प्रशांत पर आईटी एक्ट की धारा 66 और मानहानि की धारा (आईपीसी 500) लगाई गई है। एफआईआर में कहा गया है कि शिकायतकर्ता का आरोप है कि प्रशांत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ‘आपत्तिजनक टिप्पणी करके उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया है।
सोशल मीडिया पर रिएक्शन
कनौजिया की गिरफ्तारी के बाद बड़ी संख्या में पत्रकार और समाजसेवी संस्था के लोग प्रशांत के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर प्रशांत के गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना की है। इसे लोग अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला भी बता रहे हैं।