उर्दू सभी भारतीयों की सांस्कृतिक विरासत है: वेंकैया नायडू
उन्होंने आईआईएमसी से सभी भारतीय भाषाओं में पत्रकारिता पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रयास करने का आह्वान किया ताकि देश भर में सभी नागरिकों के संचार जरूरतों को पूरा किया जा सके। मंत्री महोदय ने यह बात आज शास्त्री भवन में उर्दू पत्रकारिता में प्रथम पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम, विकास पत्रकारिता में 67वें डिप्लोमा पाठ्यक्रम का शुभारंभ करने तथा आईआईएमसी पत्रिका "कम्युनिकेटर' का विमोचन करने के अवसर पर कही।
संचार में बदलते स्वरूपों के बारे में बात करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि सोशल मीडिया ने संचार में समय और स्थान की बाधाओं को तोड़ दिया है। नवोदित पत्रकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे सोशल मीडिया पर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर जनता की राय पर ध्यानपूर्वक नजर रखें।
प्रशिक्षण पद्धति पर जोर देते हुए नायडू ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में यह महत्वपूर्ण है कि सीखने, अभ्यास करने तथा नई अवधारणाओं को लागू करने के लिए पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में मामलों का अध्ययन और व्यावहारिक अनुभव को शामिल करना जरूरी है।
आईआईएमसी की पत्रिका "कम्युनिकेटर' को फिर से शुरू करने के बारे में मंत्री महोदय ने कहा कि पत्रिका शिक्षाविदों, अनुसंधान विद्वानों, और मीडिया विश्लेषको को अपने लेख प्रकाशित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। 'कम्युनिकेटर' पत्रिका जन संचार की सबसे पुरानी पत्रिकाओं में से एक है जिसका प्रकाशन 1965 में किया गया था। इसे 1965 में त्रैमासिक पत्रिका के रूप में शुरू किया था और बाद में एक वार्षिक प्रकाशन बना दिया गया था।