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28 June 2023

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सरकार को दिया निर्देश, दो माह में लोकायुक्त की नियुक्ति करे सरकार

नैनीताल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डबल बैंच ने उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति पर गंभीर रुख अपनाया है। बैंच ने सरकार को आदेश दिया है कि आठ सप्ताह में राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति की जाए। यह फैसला चीफ जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल की डबल बैंच ने दिया है।

 

इस मामले मेंस हल्द्वानी गौलापार निवासी रवि शंकर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की, जबकि संस्थान के नाम पर वार्षिक 2 से 3 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है लेकिन उत्तराखंड में तमाम घोटाले हो रहे हैं। छोटे से छोटा मामला हाईकोर्ट में लाना पड़ रहा है।

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जनहित याचिका में यह भी कहा गया कि वर्तमान में राज्य की सभी जांच एजेंसी सरकार के अधीन हैं, जिसका पूरा नियंत्रण राज्य के राजनैतिक नेतृत्व के हाथों में है। वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में कोई भी ऐसी जांच एजेंसी नहीं है जिसके पास यह अधिकार हो कि वह बिना शासन की पूर्वानुमति के किसी भी राजपत्रित अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मुकदमा पंजीकृत कर सके। विजिलेंस विभाग भी राज्य पुलिस का ही हिस्सा है, जिसका सम्पूर्ण नियंत्रण पुलिस मुख्यालय, सतर्कता विभाग या मुख्यमंत्री कार्यालय के पास रहता है।

 

यहां बता दें कि एक पूरी तरह से पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच व्यवस्था राज्य के नागरिकों के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यही है कि पूर्व के विधानसभा चुनाव में राजनैतिक दलों द्वारा राज्य में अपनी सरकार बनने पर प्रशासनिक और राजनैतिक भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए एक सशक्त लोकायुक्त की नियुक्ति का वादा किया था जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है। भाजपा ने 2017 के चुनाव में वादा किया था कि सत्ता में आते ही लोकायुक्त का गठन किया जाएगा।

 

इससे पहले बीसी खंडूड़ी की सरकार के समय में एक शक्तिशाली लोकायुक्त गठन की दिशा में काम किया गया था। इसके दायरे में मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों को भी शामिल किया गया था। उनके सत्ता के हटने के बाद यह विधेयक विधानसभा में ही पेंडिग है। 2012 से 2017 तक कांग्रेस सत्ता में रही पर इस विधेयक की सुध नहीं ली। भाजपा ने 2017 के चुनाव में इसे लागू करने का वादा किया था। पर सत्ता में आते ही इसे भूल गई। अब देखना होगा कि हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति करती है या फिर फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रास्ता अपनाती है।

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TAGS: Uttarakhand High court, uttarakhand politics, lokayukta appointment, PIL filed for appointment of lokayukta,
OUTLOOK 28 June, 2023
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