सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दिल्ली हिंसा मामला, वजाहत हबीबुल्लाह ने की प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली में हुई हिंसा के मामले की सुनवाई जल्द करने की अर्जी मान ली है।
दरअसल, दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर चल रहे हिंसक प्रदर्शन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग करते हुए पूर्व सीआईसी वजाहत हबीबुल्लाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी मांग है कि राजधानी में चल रही हिंसा को लेकर एफआईआर दर्ज की जाए।
इसके साथ ही वजाहत हबीबुल्लाह व अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से शाहीन बाग और शहर के अन्य हिस्सों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग भी की है, जो प्रदर्शन कर रही हैं। अदालत ने हबीबुल्लाह की याचिका पर सुनवाई के लिए बुधवार यानी 26 फरवरी की तारीख तय की है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में पिछले 2 महीनों से ज्यादा समय से चल रहे प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दर्ज याचिका पर अब अगली सुनवाई 26 फरवरी यानी बुधवार को होनी है।
इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है याचिका
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की याचिका तीन लोगों ने दायर की है। पूर्व चीफ इंफॉर्मेशन कमिश्नर वाजाहत हबीबुल्लाह, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और बहादुर अब्बास नकवी ने अदालत से याचिका पर सुनवाई करने की मांग की है। याचिका में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि कपिल मिश्रा ने लोगों को भड़काया और दंगा फैलाया. इसलिए 23 और 24 फरवरी को जितने भी हमले हुए हैं, उन पर पुलिस FIR दर्ज कर कार्रवाई करे. याचिका में उन सभी महिलाओं को सुरक्षा देने की भी मांग की गई है, जो प्रदर्शन कर रही हैं.
गृह मंत्री और सीएम केजरीवाल की बैठक
इधर, दिल्ली के कुछ हिस्सों में सीएए-एनआरसी के समर्थकों और विरोधी गुटों के बीच मंगलवार को भी झड़प होने की खबरें आई हैं। रविवार को भड़की हिंसा में अब तक दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल समेत 7 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, हिंसा की वजह से करीब 105 लोग घायल हो गए हैं। इस बीच, खबर है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार की दोपहर दिल्ली के मौजूदा हालात को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय में होने वाली बैठक में दिल्ली के एलजी अनिल बैजल समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। गृह मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री की यह बैठक दोपहर तकरीबन 12 बजे होने की संभावना है।
हिंसा की वजह से स्कूल बंद
इस बीच सोमवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने स्कूलों के बंद रहने की घोषणा कर दी है। डिप्टी सीएम ने कहा कि हिंसा प्रभावित उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मंगलवार को स्कूलों में गृह परीक्षाएं नहीं होंगी और सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे। उन्होंने इस मामले को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' से भी बात की और उनसे जिले में बोर्ड परीक्षा स्थगित करने का अनुरोध किया। डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर कहा, 'दिल्ली में हिंसा प्रभावित नॉर्थ ईस्ट ज़िले में मंगलवार को स्कूलों में गृह परीक्षाएं नहीं होंगी। सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे।'