रोहिंग्याओं को बंगाल में बसा रही हैं ममता सरकारः डीजी बीएसएफ
रोहिंग्या मुस्लिमों के भारत में आने को लेकर देश में राजनीतिक माहौल कई बार गरमाया है वहीं इससे अलग बीएसएफ के डीजी ने विवादित बयान दिया है। डीजी ने कहा है कि भारत में मौजूद रोहिंग्याओं को वह राज्यों में बसने से नहीं रोक पा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सरकार रोहिंग्याओं के साथ मित्र व्यवहार करती है, वहां पर उन्हें कैंप में बसाकर रखा जा रहा है।
एक प्रेस कांफ्रेस में डीजी केके शर्मा ने कहा है कि बॉर्डर से आने वाले रोहिंग्याओं को बीएसएफ ने पूरी तरह से रोक दिया है, लेकिन चिंता उन रोहिंग्याओं की है जो पहले से ही भारत में हैं। भारत में मौजूद रोहिंग्याओं को वह राज्यों में बसने से नहीं रोक पा रहे हैं।
एक तरफ केंद्र सरकार भारत में मौजूद करीब 40,000 रोहिंग्याओं को वापस भेजने का प्लान कर रही है। ऐसे में बीएसएफ के डीजी का बयान अहम माना जा रहा है।
जाली नोटों में आई है कमी
डीजी बीएसएफ ने इस अभियान के तहत बॉर्डर गार्डिंग बांग्लादेश (बीजेबी) के सहयोग की भी काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बांग्लादेश बॉर्डर से भारत आने वाले जाली नोटों में भी अब भारी गिरावट आई है। उन्होंने इस अभियान के तहत बीजेबी के सहयोग की भी काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस साल भारत-बांग्लादेश सीमा पर मात्र 11 लाख के जाली नोट पकड़े गए हैं जो कि पिछले सालों की अपेक्षा काफी कम है। जाली नोटों की तस्करी को लेकर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के डीजी शफीनुल इस्लाम ने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने डिटेक्टिंग मशीन लगाई है चौकसी भी बढ़ाई है जिसकी वजह से जाली नोटो की तस्करी में कमी आई है।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग में भी धरपकड़ हुई
ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर डीजी बीएसएफ ने कहा कि भारत में इसे रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। इस साल बांग्लादेश से अवैध तरीके से ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वाले लोगों की धरपकड़ भी की गई है। जिसमें 11552 लोगों की सीमा पार करते हुए बीएसएफ ने पकड़ा है।