पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव की नई तारीखों के हिसाब से शुरू की जाए प्रक्रियाः हाईकोर्ट
कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए नामांकन की नई तारीख घोषित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग को कहा है कि नई तारीख के हिसाब से ही पूरी प्रक्रिया को शुरू किया जाए।इस फैसले को ममता बनर्जी सरकार से लिए झटका माना जा रहा है।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने भी राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। इससे पहले पंचायत चुनाव पहली मई से पांच मई के बीच तीन चरणों में होने थे। वोटों की गिनती आठ मई को की जानी थी। मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने कोलकाता हाई कोर्ट में दावा किया था कि राज्य के चुनाव आयुक्त ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की तारीख बढ़ाने संबंधी अधिसूचना को वापस लेकर ‘तृणमूल कांग्रेस की कठपुतली’ की तरह काम किया है। सीपीएम के कानूनी मामलों के प्रभारी बिकाश भट्टाचार्य ने जस्टिस सुब्रत तालुकदार के समक्ष कहा कि पार्टी ने अपनी याचिका में राज्य के चुनाव आयुक्त अमेरकेंद्र कुमार सिंह को पद से हटाने की मांग की और दावा किया कि संविधान के तले उन पर जो भरोसा था उसे उन्होंने तोड़ा है।
#WestBengal Panchayat Election matter: The Calcutta High Court sets aside its earlier order and directs State Election Commission to issue fresh extension for filing of nomination and polls in consultation with the state.
— ANI (@ANI) April 20, 2018
वहीं, पश्चिम बंगाल भाजपा के एक नेता ने आरोप लगाया था कि प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों में उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को पर्चा तक दाखिल नहीं करने दिया जा रहा है। पार्टी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची थी लेकिन उसे वहां निराशा ही हाथ लगी थी। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में नामांकन भरने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने से इंकार करते हुए कहा था कि वह चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। हालांकि हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब चुनाव की तारीखों में बदलाव होगा। कोर्ट का यह फैसला ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।