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01 May 2019

संसद से लेकर पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड, जानिए 'वैश्विक आतंकी' मसूद अजहर के बारे में

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संयुक्त राष्ट्र ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है। अब तक चीन इस मुद्दे पर वीटो लगाता रहा है लेकिन अब वह भारत के साथ आ गया है। मसूद अजहर भारत में हुए कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है। आखिर कौन है मसूद अजहर और क्या रहा है उसका इतिहास?

पाकिस्तान के मसूद अजहर की कहानी जम्मू-कश्मीर से शुरू होती है। 90 के दशक से वह यहां सक्रिय रहा है। चाहे वह कंधार कांड रहा हो या फिर 2019 का पुलवामा का आतंकी हमला, सबके पीछे मसूद अजहर का हाथ रहा है।

इस तरह की जैश की स्थापना

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जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह की स्थापना 2000 के दशक के शुरु में कट्टरपंथी इस्लामिक स्कॉलर और जिहादी नेता मौलाना मसूद अजहर ने की थी, जो 1990 के दशक की शुरुआत में अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ सोमालिया में ओसामा बिन लादेन के समूह के सदस्य के रूप में लड़ा था। वह तब आतंकवादी समूह हरकत-उल-मुजाहिदीन का नेता हुआ करता था। 1999 में मसूद अजहर की रिहाई के बाद उसने हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के आतंकियों को मिलाकर जैश की स्थापना की।

कंधार विमान अपहरण के बाद किया गया था रिहा

मसूद अजहर को 1994 में भारत ने पुर्तगाल के फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा के लिए गिरफ्तार किया गया था लेकिन उसे 17 साल पहले 1999 में कंधार विमान अपहरण के वक्त भारत को रिहा करना पड़ा था और उसी के बाद से वह भारत के लिए मुसीबत बन गया।

रिहा होने के बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद नाम का संगठन बनाया, जिसने अभी तक हिंदुस्तान में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। भारत में हुए हमलों के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ रहा है फिर चाहे वह 2001 में संसद पर हमला हो या फिर 2016 का पठानकोट हमला। 2019 के पुलवामा हमले के पीछे भी जैश-ए-मोहम्मद का हाथ बताया जाता है।

भारत के अलावा यह आतंकी संगठन अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी अपनी आतंकी गतिविधियों के चलते जाना जाता है। संयुक्त राष्ट्र इस संगठन को ब्लैकलिस्ट भी कर चुका है।

ये हैं जैश के भारत पर बड़े आतंकी हमले

- जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर में अपनी पहली दस्तक 19 अप्रल 2000 को दी जब 17 साल के एक स्कूली लड़के ने विस्फोटकों से लदी एक कार को 15 कॉर्प्स हेडक्वॉर्टर के गेट पर उड़ा दिया।

-25 दिसंबर 2000 को कश्मीर में सेना के मुख्यालय के बाहर कार बम से हमला किया गया।

-2001 में श्रीनगर विधानसभा भवन पर फिदायीन हमला किया गया। 

-दिसंबर 2001 में जैश-ए-मोहम्मद ने राजधानी दिल्ली में संसद भवन पर हमला किया। इस हमले में दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में मसूद अजहर क नाम भी शामिल किया था।

-नवंबर 2005 में जैश के आतंकी ने तब के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के घर पर कार बम से हमला किया। इस हमले में 5 लोग मारे गए।

-2015 से जैश भारत में आतंकवादी हमलों की बढ़ती संख्या के लिए जिम्मेदार है। अफगानिस्तान में तालिबान और अल-कायदा के साथ जैश के करीबी संबंध रहे हैं। 20 मार्च को जम्मू के कठुआ जिले के राजबाग पुलिस थाने पर सेना की वर्दी में फिदायीन हमला हुआ, जिसमें तीन जवान शहीद हुए। 

-जनवरी 2016 में जैश के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया जिसमें 7 सैनिक शहीद हो गए।

-सितंबर 2016 में उड़ी आतंकी हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद का ही हाथ बताया जाता है।

-दिसंबर 2016 में एनआई ने पठानकोट हमला मामले में दायर चार्जशीट में मसूद समेत उसे भाई अब्दुल रउफ असगर और दो अन्य का नाम भी शामिल किया।

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OUTLOOK 01 May, 2019
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