दो संसदीय समिति व्हाट्सऐप जासूसी मामले की करेंगी पड़ताल, शीर्ष अधिकारियों से जानकारी तलब करेंगी
कांग्रेस नेताओं की अगुआई वाली दो संसदीय समितियों ने व्हाट्सऐप जासूसी मामले की पड़ताल करने का फैसला किया है। समितियां गृह सचिव सहित तमाम शीर्ष नेताओं से इस मामले की जानकारी तलब करेंगी।
गृह सचिव से जानकारी लेंगेः आनंद शर्मा
गृह मंत्रालय के मामलों की स्थाई संसदीय समिति की अध्यक्षता करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने व्हाट्सऐप हैकिंग मामले को चिंताजनक करार देते हुए कहा कि समिति की 15 नवंबर को होने वाली अगली बैठक में इस मामले पर विचार किया जाएगा। आनंद शर्मा ने कहा कि गृह सचिव को समिति की अगली बैठक में जम्मू कश्मीर के स्थिति की जानकारी देनी है। इस बैठक में हम इस मसले पर भी बात करेंगे। हम सचिव से जानकारी मांगेंगे।
भारत निगरानी देश नहीं बनने देंगेः थरूर
उधर, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर संसदीय स्थाई समिति के प्रमुख शशि थरूर ने कहा कि सायबर सिक्योरिटी अहम मामला है। समिति सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगी। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी कीमत पर चीन की तरह निगरानी करने वाला देश नहीं बनना चाहिए। थरूर ने कहा कि सायबर सिक्योरिटी हमारे एजेंडा में महत्वपूर्ण मसला है। व्हाट्सऐप की तरह किसी भी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल नहीं हो सकता है। हम जानकारी मांगेंगे कि सरकार इसे रोकने के लिए निश्चित तौर पर क्या कर सकती है।
कांग्रेस ने कहा- प्रियंका को भी मोबाइल हैकिंग का मैसेज मिला
कांग्रेस ने दावा किया है कि व्हाट्सऐप ने प्रियंका गांधी को उनके फोन की भी हैकिंग की आशंका के बारे में अलर्ट किया है। दूसरी ओर ओर व्हाट्सऐप ने कहा है कि उसने इजरायली स्पाईवेयर पीगासस द्वारा 121 भारतीय यूजर्स की जासूसी वाली जानकारी भारत सरकार को सितंबर में दी थी। पीटीआई के मुताबिक, इस पर सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने कहा कि व्हाट्सऐप से पहले मिली जानकारी अपर्याप्त और अस्पष्ट थी।
व्हाट्सऐप ने अलर्ट भेजा था
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, मैं बताना चाहता हूं कि प्रियंका गांधी को भी व्हाट्सऐप की ओर से लगभग उसी समय अलर्ट करने वाला मैसेज मिला था। हालांकि उन्होंने मैसेज मिलने के बारे में निश्चित समय नहीं बताया है। सुरजेवाला ने यह जानकारी यह सवाल पूछने पर दी कि प्रफुल्ल पटेल और ममता बनर्जी को भी व्हाट्सऐप की ओर से अलर्ट करने वाले मैसेज मिले थे। सुरजेवाला ने कहा कि प्रियंका को भी लगभग उसी समय मैसेज मिला था जब कथित तौर पर तमाम मोबाइल फोन हैक किए गए थे।
व्हाट्सऐप ने गुरुवार को इजरायली स्पाइवेयर की मदद से दुनिया भर में करीब 14,00 वॉट्सऐप यूजर्स के फोन की जासूसी होने की पुष्टि की थी जिसमें पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं। सरकार ने मामला सामने आने के बाद कंपनी से रिपोर्ट मांगी थी।
सितंबर में भी सरकार को दी थी जानकारी- व्हाट्सऐप
सूत्रों के मुताबिक, व्हाट्सऐप ने सरकार के सवालों का जवाब दिया है। आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वाट्सऐप से उसे जवाब हासिल हुआ है और वह इसका अध्ययन कर रहे हैं। इस पर जल्द ही विचार किया जाएगा। व्हाट्सएप के सूत्रों ने कहा कि कंपनी ने सितंबर में ही सरकार को रिपोर्ट सौंप चुकी है। इससे पहले, मई में सरकार को जासूसी की जानकारी दी गई थी। इस तरह यह दूसरा मौका है जब सरकार को इसके बारे में बताया गया।
इजरायली फर्म एनएसओ पर केस करेगी व्हाट्सऐप
आईटी मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि उन्हें व्हाट्सऐप से पहले भी इसकी सूचना मिली थी लेकिन वह अपर्याप्त और अस्पष्ट थी। वाट्सऐप ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। व्हाट्सएप ने कहा था कि वह एक इजरायली खुफिया फर्म एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा चलाएगा। इसने चार महाद्वीपों के लगभग 1,400 यूजर्स के फोन को हैक करने में मदद की। इसमें राजनयिक, असंतुष्ट नेता, पत्रकारों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि इन पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के फोन की जासूसी किसके इशारे पर की गई।
भारतीय यूजर्स की निजता से छेड़छाड़ की सूचना मिली थी
व्हाट्सएप ने मई में बताया था कि हमें भारत के कुछ यूजर्स के निजता के साथ छेड़छाड़ की सूचना मिली थी। इसकी सूचना मिलते ही हमनें तुरंत कार्रवाई प्रारंभ की। उसने बताया कि हमने उन 1400 यूजर्स को स्पेशल मैसेज भेजा कि यदि वे किसी स्पाईवेयर के अटैक के प्रभाव में आए हैं तो इसकी सूचना हमें तत्काल दें। इसके कुछ दिनों बाद ही भारत में कई सामाजिक कार्यकर्ता सामने आए और उन्होंने बताया कि वाट्सऐप से इस संबंध में मैसेज मिला था। व्हाट्सऐप के पूरे विश्वभर में डेढ़ अरब यूजर्स हैं और सिर्फ भारत में ही इसके 40 करोड़ उपभोक्ता हैं।