'फर्जिकल स्ट्राइक' वाले बयान पर अरुण शौरी की सफाई, कहा- मीडिया ने गलत तरीके से पेश किया
सितंबर 2016 में भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तानी सीमा में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने का एक कथित वीडियो सामने आया है। आठ मिनट के इस वीडियो के सामने आते ही इस पर प्रतिक्रियाएं आनी भी शुरू हो गई हैं।
भाजपा सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने हाल ही में सर्जिकल स्ट्राइक को ‘फर्जिकल स्ट्राइक’ बताया था। उन्होंने अपने इस बयान का बचाव करते हुए कहा, ‘मुझे इस बात में कोई शक नहीं कि सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी।‘ उन्होंने अपनी सफाई में कहा, ‘उत्तर भारत के चैनलों के दो रिपोर्टर ने मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया। जब मैंने कहा फर्जिकल, इसका मतलब था सेना के स्ट्राइक को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने से यह घटना हंसी का पात्र बन गई।‘
साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक का प्रोपेगैंडा की तरह इस्तेमाल करना और कहना मेरा 56 इंच का सीना है और मैंने पाकिस्तान को जवाब दे दिया है, यह गलत है।‘
क्या कहा था अरुण शौरी ने
अरुण शौरी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज की किताब ‘कश्मीर: ग्लिमप्सेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ के विमोचन समारोह में भाजपा पर हमला बोलते हुए मोदी सरकार को इवेंट और इलेक्शन आधारित बताया था। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार द्वारा एक बड़े कदम के बतौर प्रचारित सर्जिकल स्ट्राइक को ‘फर्जिकल’ बताया। वहीं कश्मीर समस्या पर उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि वहां की स्थिति से पूरा देश प्रभावित होता है न कि केवल कश्मीरी।‘