हाइकोर्ट ने सीबीएसई से कहा, 10वीं की गणित की पुनः परीक्षा की योजना बताए
दिल्ली हाइकोर्ट ने आज केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से सवाल किया कि यदि वह 10 वीं की गणित की पुन: परीक्षा करवाना चाहता है, तो उसकी योजना क्या है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरि शंकर की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीएसई से कहा कि वह 10वीं की गणित की संभावित पुन: परीक्षा कराने की योजना से उसे अवगत कराए। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 16 मार्च तय की।
Delhi High Court issued notice to CBSE, Delhi Police and HRD ministry on a PIL seeking 10th Maths paper be preferably held earlier and also seeking court monitored probe into #CBSEPaperLeak . Next date of hearing is 16th March
— ANI (@ANI) April 2, 2018
सीबीएसई ने कोर्ट को सूचित किया था कि वह नए सिरे से परीक्षा की तिथि घोषित करने से पहले लीक की गंभीरता और व्यापकता का आकलन कर रहा है। अदालत ने सीबीएसई की 12वीं के अर्थशास्त्र और 10वीं के गणित का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग करने वाली याचिका पर सीबीएसई और केंद्र से जवाब भी मांगा है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने सीबीएसई से पूछा कि वह कैसे पुन: परीक्षा के लिए जुलाई तक इंतजार कर सकता है और विद्यार्थियों को यूं अधर में लटकाए रह सकता है।
कोर्ट ने कहा कि इससे ना सिर्फ विद्यार्थियों का शैक्षणिक वर्ष बर्बाद होगा बल्कि यह उनके सिर पर नंगी तलवार लटकते रहने जैसा है। सीबीएसई ने कहा कि उसने10 वीं की गणित की पुन: परीक्षा करवाने पर अभी तक फैसला नहीं लिया है। वह अभी आंकलन कर रही है कि पर्चा पूरे देश में लीक हुआ था या सिर्फ दिल्ली और हरियाणा में।
अदालत ने दलीलें सुनने के बाद सीबीएसई से कहा कि वह इस संबंध में फैसला करे और 16 अप्रैल तक उसे सूचित करे। पीठ ने कहा कि 10 वीं कक्षा भी विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके परीक्षा परिणाम से ही तय होता है कि 11 वीं और12 वीं में वह किस विषय की पढ़ाई करेंगे। सीबीएसई ने 12वीं की अर्थशास्त्र की पुन: परीक्षा 25 अप्रैल को कराने की घोषणा कर दी है।
अदालत के समक्ष आज एक जनहित याचिका दायर की गई थी। पीठ उसी पर सुनवाई कर रही थी। गैर सरकारी संगठन सोशल ज्यूरिस्ट की ओर से दायर याचिका में 10वीं की गणित की पुन: परीक्षा जुलाई की बजाय अप्रैल में करवाने की भी मांग की गयी है। इसके अलावा अधिवक्ता अशोक अग्रवाल की ओर से दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि अर्थशास्त्र और गणित की पुन: परीक्षाओं में बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में नरमी बरती जाए।