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13 September 2021

चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना 'स्वामी विवेकानंद' को याद कर क्यों बोले, आज कट्टरता उफान पर है

पीटीआइ

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने रविवार को महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद के 128 साल पहले शिकागो में दिए ऐतिहासिक भाषण को याद किया। यहां उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति की वकालत की थी। हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, रमन्ना ने कहा कि ऐसे समय में जब धार्मिक कट्टरवाद उफान पर है स्वामी विवेकानंद का पुनरुत्थानशील भारत का सपना सामान्य भलाई और सहिष्णुता के सिद्धांतों और धर्म को अंधविश्वासों और कट्टरता से ऊपर रखकर प्राप्त किया जा सकता है।

चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा विवाकानंद ने अपने संबोधन में समाज में निरर्थक सांप्रदायिक मतभेदों से देश व सभ्यता को होने वाले खतरे का विश्लेषण किया था। रमन्ना यहां विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन एक्सीलेंस के 22वें स्थापना दिवस समारोह को वर्चुअल तरीके से संबोधित कर रहे थे।

रमन्ना ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत के समतावादी संविधान के निर्माण का कारण बने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए सांप्रदायिक संघर्ष से बहुत पहले धर्मनिरपेक्षता की ऐसे वकालत की थी जैसे उन्हें आने वाले समय का आभास था।

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रमन्ना ने कहा कि विवेकानंद का दृढ़ विश्वास था कि धर्म का असली सार भलाई और सहिष्णुता में है। धर्म को अंधविश्वास और कट्टरता से ऊपर होना चाहिए। सामान्य भलाई और सहिष्णुता के सिद्धांतों के माध्यम से दोबारा उठ खड़े होने वाले भारत के निर्माण का सपना पूरा करना है तो हमें आज के युवाओं के अंदर स्वामी जी के आदर्शों को स्थापित करने का काम करना चाहिए।

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TAGS: Chief Justice NV Ramana, Swami Vivekananda, bigotry
OUTLOOK 13 September, 2021
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