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29 March 2018

जावड़ेकर और CBSE चेयरपर्सन को हटाए बिना पेपर लीक मामले की जांच संभव नहींः कांग्रेस

File Photo

सीबीएसई पेपर लीक मामले में कांग्रेस ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि फेल चौकीदार, लीक सरकार। कांग्रेस का कहना है कि जब तक एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और सीबीएसई की चेयरपर्सन को नहीं हटाया जाएगा तब तक इसकी निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।

 

इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण में पेपर लीक हुआ है और सरकारी संरक्षण में सारे पेपर बेच दिए गए। अब मोदी जी ही बताएं कि ये परीक्षा हो रही थी या फिर चीटिंग।

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साथ ही, कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार के आने के बाद दो साल तक सीबीएसई के निदेशक की पोस्ट खाली रखी गई। 8 दिसंबर 2017 को गुजरात से पीएम मोदी की चहेती अफसर को अध्यक्ष बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में पेपर लीक हो रहे हैं तब महिला निदेशक गुजरात में अपनी माउंटेयनरिंग किताब को प्रमोट करने गई हुई हैं। सुरजेवाला ने कहा कि सीबीएसई के चेयरमैन की सीट दो सालों तक मोदी जी और स्मृति ईरानी ने खाली रखी। शिक्षकों-अभिभावकों, शिक्षण संस्थानों के भारी विरोध के बाद 27 जुलाई 2016  में सरकार ने सीबीएसई प्रमुख की नियुक्ति की लेकिन पीएम मोदी ने 2017 में प्रमुख को हटा दिया। मौजूदा सीबीएसई प्रमुख वह हैं जो मोदी जी के साथ गुजरात में काम करती थी। क्या ऐसे ही सरकारें चलेंगी?

 

सुरजेवाला ने सरकार से पांच सवाल भी किए हैं-

 

-सालों से सीबीएसई के विधार्थियों को तीन पेपर दिए जाते थे। पहले का एक पेपर, दूसरे का पहले से मेल नहीं खाएगा और तीसरे का दूसरे और पहले से यानी तीन अलग-अलग पेपर दिये जाते थे ताकि इससे चीटिंग न हो सके। आखिर किस साजिश के तहत मोदी सरकार ने तीन पेपर की प्रैक्टिस को बंद कर दिया। चार जोन को खारिज कर एक जोन में परीक्षा करवाईं?

 

-एचआरडी और पीएम द्वारा सीबीएसई के पिछले प्रमुख का कार्यकाल छोटा क्यों कर दिया गया और उनकी जगह ऐसे व्यक्ति को क्यों लाया गया जो मोदी जी की करीबी थीं। आखिर उनमें ऐसी क्या बात थी, जिन्हें चुना गया? आखिर क्या कारण है कि पेपर लीक होने के बाद भी सीबीएसई बेवकूफ बनाता रहा?

 

-क्या यह सही है कि शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई के नाक के नीचे एक बहुत बड़ा शिक्षा माफिया फल-फूल रहा है?

 

-सीबीएसई की परीक्षा प्रणाली में पिछले कुछ सालों से अनेकों गड़बड़ियां पाईं गईं। चाहे मार्क्स की गड़बड़ी हो या मुश्किल सवाल पूछने की प्रथा। सीबीएसई से जिसे 10वीं या 12वीं की परीक्षा संभल नहीं रही है फिर उन्हें नीट की जिम्मेवारी क्यों दी?

 

-क्या सीबीएसई पेपर लीक की निष्पक्ष जांच नहीं होनी चाहिए? साथ ही जवाबदेही तय की जाए। एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और सीबीएसई के चेयरपर्सन को हटाए बगैर इसकी निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसलिए कांग्रेस उन्हें हटाने की मांग करती है।

 

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TAGS: HRD, CBSE, chairperson, investigation, impossible
OUTLOOK 29 March, 2018
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