समीर वानखेड़े को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत, गिरफ्तारी से पहले देना होगा 3 दिन का नोटिस
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस की जांच के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दी है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य सरकार उन पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं। अगर कोई जांच होनी है तो उसे सीबीआई करे।
इस याचिका के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट से समीर वानखेड़े को राहत मिली है कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वानखेड़े की गिरफ्तारी से तीन दिन पहले उन्हें नोटिस देना होगा। सरकार का यह आश्वासन समीर वानखेड़े के लिए राहत भरी सूचना है। महाराष्ट्र सरकार के वकील का कहना है कि चूंकि याचिका भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के संबंध में है, इसलिए हम अधिनियम के तहत अपराध दर्ज करने पर 72 घंटे की पूर्व सूचना देंगे।
बता दें कि इससे पहले वानखेड़े ने गिरफ्तारी की आशंका के चलते बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले पर सुनवाई डिवीजन बेंच कर रही थी।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने एक-एक कर वानखेड़े पर कई आरोप लगाए हैं, जिनमें बड़ी हस्तियों से उगाही का आरोप भी शामिल है। भ्रष्टाचार से जुड़े चार मामलों में मुंबई पुलिस ने वानखेड़े के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इसके बाद से यह आशंका थी कि वानखेड़े को मुंबई पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। मुंबई पुलिस ने वानखेड़े पर लगे आरोपों की जांच के लिए 4 सदस्यों वाली एक टीम का भी गठन कर दिया है जो, सारे मामलों की जांच करेगी।
समीर वानखेड़े पर यह भी आरोप है कि मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन को छोड़ने के एवज में 25 करोड़ की डील पर बातचीत जारी थी। आर्यन केस में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर साइल ने बीते दिनों हलफनामे में यह दावा किया था कि आर्यन को छोड़ने के लिए 25 करोड़ की डील हो रही थी, जिसमें 18 करोड़ पर सहमति बन गई थी। इसमें से 8 करोड़ रुपये समीर को दिए जाने थे।