सबरीमाला पर बोलीं स्मृति ईरानी, 'खून से सना सैनिटरी पैड लेकर दोस्त के घर जाते हैं?'
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इस पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें मंदिर में पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का नहीं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने रजस्वला आयु वर्ग (10 से 50) की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी थी। आदेश के बावजूद इस बार किसी रजस्वला आयु वर्ग (10 से 50) की महिला को प्रवेश नहीं मिल सका।
केरल के सबरीमाला मंदिर के पट सोमवार को मासिक पूजा के बाद बंद भी हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का नहीं।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं मौजूदा केंद्रीय मंत्री हूं इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं कर सकती हूं लेकिन क्या आप माहवारी के खून से सने सैनिटरी नैपकिन को लेकर अपने दोस्त के घर जाएंगी? तो आप भगवान के घर पर उसे लेकर क्यों जाना चाहती हैं।' हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है।
मंदिर में महिलाओं पर बैन के लिए पीरियड्स बड़ी वजह
महिलाओं को मंदिर के अंदर नहीं जाने देने के लिए पीरियड्स एक बड़ा कारण माना जाता है लेकिन इसके अलावा कहानियां और भी हैं। माना जाता है कि भगवान अयप्पा ने खुद यह तय किया था कि उनके दर्शन के लिए कौन आ सकता है और कौन नहीं। भगवान के मंदिर में हर साल लाखों पुरुष पहाड़ चढ़कर, नंगे पैर जाते हैं।
मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत मिलने के बाद से ही घमासान मचा हुआ है। कोर्ट के फैसले के बावजूद यहां मंदिर खुलने के बाद से तनाव की स्थिति बनी रही और इस उम्र की महिलाओं को एंट्री नहीं मिल पाई। प्रदर्शनकारियों ने दर्शन के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को लौटने पर मजबूर कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार की याचिका
उधर, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ चुनौती दी गई। इस पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इन याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस. के. कौल की पीठ ने वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा से कहा कि उसने याचिकाओं को 13 नवंबर को सूचीबद्ध करने के संबंध में पहले ही आदेश पारित कर दिया है।
विजयन ने लगाया आरएसएस पर आरोप
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने आरएसएस पर महिला श्रद्धालुओं को रोकने का आरोप लगाया है। विजयन ने कहा कि दो टूक आरएसएस स्वयंसेवकों ने मंदिर को वॉर जोन बनाने की कोशिश की। मंदिर विवाद के दौरान मीडिया पर हुए हमले पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियां चेक कीं, महिला श्रद्धालुओं और मीडिया पर हमला किया। केरल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
#WATCH Union Minister Smriti Irani says," I have right to pray,but no right to desecrate. I am nobody to speak on SC verdict as I'm a serving cabinet minster. Would you take sanitary napkins seeped in menstrual blood into a friend's home? No.Why take them into house of God?" pic.twitter.com/Fj1um4HGFk
— ANI (@ANI) October 23, 2018