तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक भूख हड़ताल पर बैठा, बोला- मेरे मामले की नहीं हो रही सही से जांच
राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक कारागार के अंदर ही भूख हड़ताल पर बैठ गया है। जम्मू-कश्मीर लिबिरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक यहां आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। यासीन मलिक शुक्रवार सुबह से भूख हड़ताल पर बैठा हुआ है। उसका कहना है कि उसके खिलाफ जो विचाराधीन मामला चल रहा है, उसकी जांच सही तरीके से नहीं की जा रही है और इसी जांच को सही तरीके से कराने की मांग के साथ वह सुबह से भूख हड़ताल पर बैठा है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने जेल अधिकारी के हवाले से इस खबर की जानकारी दी है।
बताया जा रहा है कि जेल के कई अधिकारी यासीन मलिक की भूख हड़ताल तुड़वाने की कोशिश में नाकाम रहे। उन्होंने यासीन मलिक से बातचीत कर भूख हड़ताल छोड़ने के लिए कहा, लेकिन उसने भूख हड़ताल खत्म करने से मना कर दिया। मलिक को मनाने की तमाम कोशिश अब तक बेकार गई हैं और हड़ताल खत्म न होने पर जेल प्रशासन की ओर से सरकारी एजेंसियों को भी इस बात की सूचना दे दी गई है।
यासीन मलिक तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है, जहां उसे सुबह का ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर दिया जाता है। लेकिन शुक्रवार सुबह जब कर्मचारी ब्रेकफास्ट लेकर उसके पास पहुंचे तो उसने कुछ भी खाने से इनकार कर दिया। साथ ही, कर्मचारी को बताया कि वह भूख हड़ताल पर हैं और उसने इसके बारें में पहले ही जेल के अफसरों को बता रखा है।
यासीन की भूख हड़ताल के बाद सुरक्षा इंतजाम पुख्ता कर दिए गए हैं। साथ ही अब मेडिकल टीम भी अलर्ट पर रखी गई है ताकि अगर उसकी तबीयत बिगड़ती है तो तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सके। साथ ही किसी भी आपात स्थिति में उसे दिल्ली के किसी अस्पताल में भर्ती करने के इंतजाम भी किए गए हैं।
यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक में हुई अलगाववादी हिंसा के प्रमुख सूत्रधारों में से एक था। वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चेयरमैन है। आतंकी यासीन मलिक को 25 मई को दिल्ली की अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी साथ ही उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मलिक पर यूएपीए और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई है। उस पर भारत के खिलाफ जंग छेड़ने और आतंकियों के लिए फंड जुटाने का दोषी पाया गया था। कोर्ट ने 19 मई को सुनवाई के दौरान ही उसे दोषी ठहरा दिया था।