राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सकती है केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि शीर्ष कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सकती है। उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा अदालती फैसलों में अवरोध पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं।
संघ परिवार में बढ़ती जा रही है कानून बनाने की मांग
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक कानून बनाने की मांग संघ परिवार में बढ़ती जा रही है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े संगठन ऑल इंडिया प्रफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) की ओर से आयोजित एक परिचर्चा सत्र में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने यह टिप्पणी की।
चेलमेश्वर ने दीपक मिश्रा के कामकाज के तौर-तरीके पर उठाए थे सवाल
इस साल की शुरुआत में न्यायमूर्ति चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के उन चार वरिष्ठ न्यायाधीशों में शामिल थे जिन्होंने प्रेस कॉन्फेंस कर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के कामकाज के तौर-तरीके पर सवाल उठाए थे। शुक्रवार को परिचर्चा सत्र में जब चेलमेश्वर से पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित रहने के दौरान क्या संसद राम मंदिर के लिए कानून पारित कर सकती है, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है।
पूर्व जस्टिस ने कहा, 'यह एक पहलू है कि कानूनी तौर पर यह हो सकता है (या नहीं)। दूसरा यह है कि यह होगा (या नहीं)। मुझे कुछ ऐसे मामले पता हैं जो पहले हो चुके हैं, जिनमें विधायी प्रक्रिया ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों में अवरोध पैदा किया था।'
कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलटने के लिए कानून पारित करने का दिया था उदाहरण
चेलमेश्वर ने कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलटने के लिए कर्नाटक विधानसभा द्वारा एक कानून पारित करने का उदाहरण भी दिया। उन्होंने राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा के बीच अंतर-राज्यीय जल विवाद से जुड़ी ऐसी ही एक घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'देश को इन चीजों को लेकर बहुत पहले ही खुला रुख अपनाना चाहिए था....यह (राम मंदिर पर कानून) संभव है।'