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02 April 2023

गुजरात: 2002 के गैंगरेप और हत्याओं के मामले में कोर्ट का फैसला, सभी 26 आरोपी बरी

गुजरात की एक अदालत ने 2002 में सांप्रदायिक दंगों के दौरान कलोल में अलग-अलग घटनाओं में एक अल्पसंख्यक समुदाय के एक दर्जन से अधिक सदस्यों के गैंगरेप और हत्या के सभी 26 आरोपियों को 20 साल पुराने मामले में सबूत के अभाव में बरी कर दिया है।

कुल 39 अभियुक्तों में से 13 की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई और उनके खिलाफ मुकदमा समाप्त कर दिया गया।

पंचमहल जिले के हलोल में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लीलाभाई चुडासमा की अदालत ने शुक्रवार को सबूतों के अभाव में 26 लोगों को हत्या, गैंगरेप और दंगा करने के अपराधों से बरी कर दिया।

अदालत ने आदेश में कहा, "मामले के कुल 39 आरोपियों में से 13 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।"

आरोपी व्यक्ति उस भीड़ का हिस्सा थे जो 27 फरवरी को गोधरा में साबरमती ट्रेन में आगजनी की घटना के बाद 1 मार्च, 2002 को भड़के सांप्रदायिक दंगों में उग्र हो गई थी।

आरोपियों के खिलाफ कलोल थाने में दो मार्च 2002 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।

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अभियोजन पक्ष ने अपने तर्क के समर्थन में 190 गवाहों और 334 दस्तावेजी सबूतों की जांच की, लेकिन अदालत ने कहा कि गवाहों के बयानों में विरोधाभास थे, और उन्होंने अभियोजन पक्ष के तर्क का समर्थन नहीं किया।

1 मार्च, 2002 को गांधीनगर जिले के कलोल शहर में दो अलग-अलग समुदायों के 2,000 से अधिक लोगों की भीड़ धारदार हथियारों और ज्वलनशील वस्तुओं से भिड़ गई।

उन्होंने दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया और उनमें आग लगा दी। पुलिस फायरिंग में घायल एक व्यक्ति को टेंपो सहित जिंदा जला दिया गया। भीड़ ने एक मस्जिद से बाहर आ रहे एक अन्य व्यक्ति पर हमला किया और मार डाला और मस्जिद के अंदर उसके शरीर को जला दिया।

एक अन्य घटना में डेलोल गांव से भागकर कलोल की ओर आ रहे 38 लोगों पर हमला किया गया और उनमें से 11 को जिंदा जला दिया गया। प्राथमिकी के अनुसार, एक महिला के साथ उस समय सामूहिक बलात्कार किया गया जब वह और अन्य लोग भागने की कोशिश कर रही थी।

 

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TAGS: Gujarat, gangrape and murder, Gujarat riots in 2002
OUTLOOK 02 April, 2023
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