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25 January 2025

गायकों को हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दी “नशा मुक्त नायाब जीवन अभियान” से जुड़ने की चुनौती

एक ओर जहां पंजाबी गायकों के बिगड़े बोल ड्रग्स,हथियार और अपराध की गिरफ्त में हैं वहीं हरियाणा पुलिस ने ड्रग्स व अपराध का महिमामंडन करने वाले हरियाणावी पॉप सिंगर्स पर शिकंजा कसते हुए उन्हें नशा मुक्त अभियान से जोड़ने की पहल की है।हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) ने अपने “नशा मुक्त नायाब जीवन अभियान” को एक नया आयाम देते हुए हरियाणवी गायकों को नशा और हिंसा के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की चुनौती दी है। यह अभियान न केवल लोगों को नशा मुक्त जीवन के लिए प्रेरित कर रहा है, बल्कि उन सांस्कृतिक प्रभावों को भी संबोधित कर रहा है, जो गानों के जरिए हानिकारक व्यवहार को बढ़ावा देते हैं।

नशा मुक्त नायाब जीवन अभियान बारे डीजी एंव एचएसएनसीबी के प्रमुख ओ.पी. सिंह ने आउटलुक से बातचीत में कहा, “गानों और लोकप्रिय संस्कृति का युवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हालांकि, गाने मनोरंजन के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन वे अक्सर अनजाने में गलत संदेश देते हैं। इस चुनौती के माध्यम से, हम कलाकारों को अपने कला और व्यक्तिगत मूल्यों के बीच अंतर को स्पष्ट करने का अवसर दे रहे हैं। अनिल कौशिक और मासूम शर्मा जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्वों का इस पहल में शामिल होना इसे और प्रभावी बना रहा है।”

ब्यूरो ने उन हरियाणवी गायकों को इस चुनौती में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है, जिनके गानों को अक्सर नशा, हिंसा और “गन कल्चर” को बढ़ावा देने वाला माना जाता है। इस पहल का उद्देश्य गायकों को अपनी कला और वास्तविक जीवन के मूल्यों के बीच अंतर स्पष्ट करने का अवसर देना है।

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इस कड़ी में पहला नाम हरियाणवी पॉप गायक मासूम शर्मा का है, जो “गोली चल जाएगी,” “कसोोटे 2,” और “बम लेहरी” जैसे लोकप्रिय गानों के लिए जाने जाते हैं। इन गानों पर हिंसा और नशे को महिमामंडित करने के आरोप लगते रहे हैं।

मासूम शर्मा ने चुनौती स्वीकार करते हुए गंदे पानी की बाल्टी खाली की और “नशा मुक्त जीवन, नायाब जीवन” लिखते हुए नशा मुक्त जीवन का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, “मेरे गाने केवल मनोरंजन के लिए बनाए जाते हैं और यह दर्शकों की पसंद और व्यावसायिक मांगों पर आधारित होते हैं। इनका उद्देश्य नशा या हिंसा को बढ़ावा देना नहीं है। वास्तविक जीवन में, मैं नशे और हिंसा के पूरी तरह खिलाफ हूं और सभी से दूर रहने का आग्रह करता हूं।“

एचएसएनसीबी के  इस अभियान को और व्यापक बनाने के लिए सांस्कृतिक हस्तियों को भी शामिल किया है। नारनौल के प्रसिद्ध रंगकर्मी अनिल कौशिक ने इस चुनौती का समर्थन करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण और समय पर की गई पहल बताया, जो गानों और लोकप्रिय मीडिया के माध्यम से बढ़ते नकारात्मक प्रभाव को रोकने में मदद करेगी।

कौशिक ने कहा, “कला और संस्कृति में समाज को बदलने की शक्ति होती है। यह चुनौती केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति को नशा और हिंसा को नकारने के लिए प्रेरित करती है। मैं सभी कलाकारों से अपील करता हूं कि वे इस आंदोलन का हिस्सा बनें और अपने प्रभाव का उपयोग समाज के भले के लिए करें।”

एचएसएनसीबी की योजना अधिक से अधिक लोगों को नशे के खिलाफ इस अभियान से जोड़ने की है। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। भविष्य में, गायकों के अलावा और अधिक प्रभावशाली हस्तियों को इस अभियान में शामिल करने की योजना है।

इस अभियान में प्रतिभागियों को गंदे पानी की एक बाल्टी खाली करनी होती है, जो नशे और उसके दुष्प्रभावों का प्रतीक है। इसके बाद, उन्हें “नशा मुक्त जीवन, नायाब जीवन” जैसा एक संदेश लिखकर नशा मुक्त जीवन की शपथ लेनी होती है और तीन अन्य लोगों को इस चुनौती में भाग लेने के लिए नामांकित करना होता है। इस रचनात्मक पहल में हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो नशा और हिंसा के प्रचार को रोकने के लिए सांस्कृतिक हस्तियों और गायकों को शामिल कर रहा है। यह पहल न केवल जागरूकता फैलाने में मदद कर रही है, बल्कि कलाकारों को अपने प्रभाव का जिम्मेदारी से उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रही है।

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TAGS: Haryanvi pop singers, Nasha Mukt Nayaab Jeevan campaign, Haryana Narcotics Control Bureau, glorification of drugs and violence, Masoom Sharma, gun culture, Anil Kaushik, cultural influence, awareness campaign, drug-free life.
OUTLOOK 25 January, 2025
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