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05 July 2025

"कान के नीचे मारो, लेकिन वीडियो मत बनाओ": राज ठाकरे का विवादित बयान, फिर भड़की भाषाई आग

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने मराठी भाषा विवाद पर एक विवादास्पद बयान देकर नया तूफान खड़ा कर दिया है। मुंबई के वर्ली में 'आवाज मराठिचा' रैली में 5 जुलाई 2025 को उद्धव ठाकरे के साथ मंच साझा करते हुए उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि अगर कोई मराठी के खिलाफ “बेकार का ड्रामा” करता है, तो उसे “कान के नीचे” मारो, लेकिन इसका वीडियो न बनाओ। यह बयान एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा अर्थशास्त्री सुशील केडिया के कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना के कुछ घंटों बाद आया, जो केडिया के सोशल मीडिया पर मराठी न सीखने की बात कहने से भड़की थी।

विवादास्पद बयान

राज ठाकरे ने रैली में कहा, “चाहे गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी आनी चाहिए। लेकिन मराठी न बोलने की वजह से किसी को पीटने की जरूरत नहीं। अगर कोई बेकार का ड्रामा करता है, तो उसे कान के नीचे मारना चाहिए। लेकिन एक बात याद रखो—अगर तुम किसी को पीटते हो, तो उसका वीडियो मत बनाना। जिसे पीटा गया, वही बताए कि उसे पीटा गया। तुम्हें इसका ऐलान करने की जरूरत नहीं।” इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं जन्म दी हैं।

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सुशील केडिया कार्यालय पर हमला

शनिवार को एमएनएस कार्यकर्ताओं ने सुशील केडिया के मुंबई कार्यालय में तोड़फोड़ की, जब केडिया ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं 30 साल से मुंबई में रह रहा हूं, लेकिन मुझे मराठी ठीक से नहीं आती। तुम्हारे 100 कार्यकर्ताओं की धमकी से मैं मराठी नहीं सीखूंगा।” इस पोस्ट में उन्होंने राज ठाकरे को टैग कर चुनौती दी थी। हमले के बाद केडिया ने सुरक्षा की मांग की और गृह मंत्रालय से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह किया।

मराठी अस्मिता और हिंसा

यह रैली महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने की नीति को वापस लेने की जीत का जश्न मनाने के लिए थी। राज और उद्धव ठाकरे ने इसे मराठी अस्मिता की जीत बताया। हालांकि, मीरा रोड में एक दुकानदार पर मराठी न बोलने के लिए एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा हमले की घटना ने इस मुद्दे को और जटिल कर दिया। सात कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, लेकिन जमानती अपराध होने के कारण उन्हें रिहा कर दिया गया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा, “मराठी पर गर्व ठीक है, लेकिन इसके नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं होगी।” समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने भी एमएनएस की आलोचना की, कहते हुए कि गरीबों को पीटने की बजाय बड़े कॉरपोरेट्स से मराठी बुलवाकर दिखाएं।

राजनीतिक समीकरण

राज और उद्धव ठाकरे का 20 साल बाद एक मंच पर आना महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। यह एकता आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए नए समीकरण बना सकती है। उद्धव ने कहा, “हम साथ आए हैं और साथ रहेंगे।” हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) ने इस रैली से दूरी बनाई, क्योंकि उन्हें अपने गैर-मराठी वोट बैंक की चिंता है।

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TAGS: Raj Thackeray, Marathi Language, MNS, Uddhav Thackeray, Violence, Slapgate, Sushil Kedia, Mumbai, Hindi Imposition, Marathi Pride
OUTLOOK 05 July, 2025
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