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01 September 2025

रूसी तेल आयात पर अमेरिकी दबाव को भारत ने ठुकराया, पुरी बोले– किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया

भारत ने रूसी तेल आयात को लेकर अमेरिका के दबाव को सख्ती से खारिज किया है। केंद्रीय तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को द हिंदू में लिखे एक लेख में कहा कि “भारत ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए भारत ने वैश्विक बाजार को स्थिर किया और कच्चे तेल की कीमतों को 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने से बचाया।”

पुरी ने कहा कि कुछ आलोचक भारत को रूसी तेल का “लॉन्ड्रोमैट” बताते हैं, लेकिन यह पूरी तरह गलत है।

इस बीच, व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइज़र पीटर नवारो ने भारत की रूस से तेल खरीद पर हमला बोला है। उन्होंने फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा कि “ब्राह्मण भारतीय जनता की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं और इसे बंद होना चाहिए।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए सवाल उठाया कि “दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र रूस और चीन के साथ कैसे खड़ा है।”

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इससे पहले अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी आरोप लगाया था कि भारत की अमीर तबका मुनाफाखोरी कर रहा है और रूस की “वार मशीन” को ईंधन मिल रहा है।

हालांकि, पुरी ने साफ किया कि भारत के रूसी तेल आयात G7 प्राइस कैप मैकेनिज़्म के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल नियमों का पालन किया बल्कि वैश्विक तेल बाजार को स्थिर रखने में भी योगदान दिया।

ब्लूमबर्ग से प्राप्त केप्लर डेटा के मुताबिक, जहां पहले रूस का भारत के तेल आयात में हिस्सा नगण्य था, वहीं इस साल यह बढ़कर 37% तक पहुंच गया है। यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप द्वारा खरीद रोकने के चलते भारत को रूसी तेल 20 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर मिला, हालांकि अब प्रतिबंधों के सख्त होने से यह छूट लगभग खत्म हो चुकी है।

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TAGS: India, Russia, oil imports, US pressure, Hardeep Singh Puri, Brahmin dispute, Peter Navarro, White House, international rules, G7 price cap, crude oil, Modi, Putin, Xi Jinping, energy market, India-US tensions
OUTLOOK 01 September, 2025
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