दलाई लामा को भारत का समर्थन! चीन की आपत्ति, लेकिन ये मंत्री होगा जन्मदिन समारोह में शामिल
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर भारत ने उनका समर्थन दोहराया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) 6 जुलाई 2025 को धर्मशाला में उनके जन्मदिन समारोह में शामिल होंगे। यह समारोह तिब्बती कैलेंडर के अनुसार 30 जून से शुरू हो चुका है। रिजिजू ने कहा, “यह राजनीति का सवाल नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था का मामला है।”
दलाई लामा ने 2 जुलाई को घोषणा की कि उनके उत्तराधिकारी का चयन केवल गदेन फोडरंग ट्रस्ट करेगा। उन्होंने साफ किया कि चीन को इसमें दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। रिजिजू ने इसका समर्थन करते हुए कहा, “दलाई लामा का उत्तराधिकारी केवल वे और उनकी स्थापित परंपराएं तय करेंगी।”
चीन ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। बीजिंग का कहना है कि दलाई लामा और पंचेन लामा जैसे बौद्ध नेताओं का पुनर्जनन गोल्डन अर्न प्रणाली से होगा और इसे चीनी सरकार की मंजूरी चाहिए। दलाई लामा ने इसे खारिज करते हुए कहा कि उनका उत्तराधिकारी चीन के बाहर जन्म लेगा।
1959 में तिब्बत में चीनी दमन के बाद दलाई लामा भारत आए। तब से वे धर्मशाला में निर्वासित जीवन जी रहे हैं। 2015 में उन्होंने गदेन फोडरंग ट्रस्ट बनाया, जो तिब्बती बौद्ध परंपराओं को संभालता है। इस ट्रस्ट को भारत सरकार का समर्थन है।
रिजिजू ने कहा, “दलाई लामा के अनुयायी उनकी बात पर भरोसा करते हैं। दुनिया भर के बौद्ध समुदाय चाहते हैं कि उनकी परंपराएं बनी रहें।” इस बीच, तिब्बती निर्वासित सरकार और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) ने भी दलाई लामा के बयान का स्वागत किया।
1995 में दलाई लामा द्वारा चुने गए पंचेन लामा को चीन ने गायब कर दिया था। इसके बाद बीजिंग ने अपने पंचेन लामा को नियुक्त किया। दलाई लामा का यह बयान तिब्बती संस्कृति को बचाने की कोशिश है। यह भारत के लिए कूटनीतिक जीत और चीन के लिए चुनौती है।