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28 April 2020

कोरोना इलाज में प्लाज्मा का चल रहा है ट्रायल, अभी मान्य थेरेपी नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय

File Photo

देश और दुनिया में बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमितों के आंकड़ो के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी कोरोना के लिए अभी कोई मान्य थेरेपी नहीं है, इस पर रिसर्च जारी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) अभी तक किसी ट्रायल्स को लेकर कोई अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा है। इसलिए प्लाज्मा थेरेपी से संबंधित तथ्यों पर दावा करना अनुचित होगा। कुछ मरीजों के लिए यह जोखिम भरा भी हो सकता है। आईसीएमआर इस पर पहले से ही अध्ययन कर रहा है। यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से तब कही गई है जब दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों में प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना संक्रमितों पर प्रयोग चल रहे हैं और उनके ठीक होने की खबरें आई है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि जब तक आईसीएमआर स्टडी पूरा नहीं कर ले, तब तक इसका प्रयोग रिसर्च या ट्रायल के लिए ही करें प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल अगर गाइडलाइन्स के मुताबिक नहीं करते हैं तो यह जान पर भी खतरा पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक आईसीएमआर इसका सर्टिफिकेशन नहीं करता है तब तक इस थेरेपी का उपयोग गैर कानूनी है। इसको प्रयोग के तौर पर तो इस्तेमाल हो सकता है लेकिन उपचार के तौर पर नहीं।

रिकवरी रेट बढ़कर हुआ 23 फीसदी

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लव अग्रवाल ने कहा कि देश के 17 जिलों में 28 दिन से कोरोना का कोई मामला नहीं आया है। जबकि रिकवरी रेट बढ़कर 23.3 फीसदी हो गया है। इससे पहले सोमवार को मंत्रालय की तरफ से बताया गया था कि 85 जिलों में पिछले 14 दिनों से एक भी नए मामले नहीं आए है। वहीं, 16 जिलों में 28 दिनों से कोई मामला कोरोना संक्रमित का नहीं पाया गया। इसके अलावा रिकवरी रेट (स्वस्थ होने की दर) बढ़कर 22.17 फीसदी थी। 

24 घंटे में 1543 नए मामले: स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटे में कोरोना के 1543 नए मामले सामने आए है, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29,435 हो गई है। इनमें से एक्टिव 21,632 केस हैं। जबकि, 6,868 या तो स्वस्थ हो चुके हैं अथवा डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना मरीज घर में कोई भी सामान अपने परिवार के सदस्यों से शेयर न करें।

होम-आइसोलेशन को लेकर दिशा-निर्देश जारी

 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आइसोलेशन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह गाइडलाइन वैसे लोगों के लिए है जिनके या तो बहुत हल्के कोविड-19 के लक्षण हैं या वे प्री-सिंप्टोमेटिक फेज में हैं। ऐसे मरीज जिनके पास अपने निवास पर खुद को आइसोलेट करने की सुविधा है, उनके पास अब होम-आइसोलेशन का विकल्प होगा।

 

होम आइसोलेशन की सलाह इन परिस्थितियों में दी जाएगी

 

• अगर डॉक्टर किसी व्यक्ति में कोरोना का हल्के लक्षण बताते हैं तो वह होम आइसोलेशन कर सकता है।

 

• चौबीसों घंटे एक आदमी निगरानी करे जो अस्पताल के लगातार संपर्क में रहे।

 

• घर पर आइसोलेशन की सुविधा हो और परिवार वालों के रहने की अलग व्यवस्था हो।

 

• मरीज को लगातार अस्पताल और जिला मेडिकल अधिकारी को अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी।

 

• आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य।

 

इस तरह की परेशानी होने पर डॉक्टरों से करे संपर्क  

 

• सांस की तकलीफ, छाती में लगातार दर्द, मानसिक उलझन जैसी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

 

• मरीज को तब तक आइसोलेशन में रहना है जब तक मेडिकल अधिकारी कोरोना फ्री रिपोर्ट न कर दें।

 

ग्राम योद्धा समिति का किया गया गठन: एमएचए

वहीं, गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि गुजरात के हर गांव में ग्राम योद्धा समिति का गठन किया गया है। साथ ही अहमदाबाद और सूरत का केंद्र की टीम ने दौरा किया है। मंत्रालय की तरफ से सुझाव दिए गए हैं कि श्रमिकों को उनकी भाषा में कोरोना से संबंधित जानकारी दी जाए। जो प्रवासी मजदूर हैं उनके भोजन की व्यवस्था सरकार और एनजीओ द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए की जा रही है। साथ ही इन इलाकों की ड्रोन से निगरानी की जा रही है।

 

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TAGS: 1543 new cases in the last 24 hours, COVID19 positive cases now 29435, recovery rate is now 23.3%, health ministry
OUTLOOK 28 April, 2020
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