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29 March 2019

1984 सिख दंगे: SC ने जांच पूरी करने के लिए एसआईटी को 2 महीने और दिए

1984 में हुए सिख विरोधी दंगों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को दर्ज 186 मामलों में अपनी जांच पूरी करने के लिए दो महीने का और वक्त दिया है।

एसआईटी का दावा 50 फीसदी जांच पूरी

जस्टिस एस ए बोबडे और एस अब्दुल नजीर की पीठ ने यह समयावधि तब बढ़ाई जब एसआईटी ने बताया कि द्वारा जांच का 50 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है और जांच पूरी करने के लिए दो महीने का समय चाहिए।

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शीर्ष अदालत ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य याचिकाकर्ता एस गुरलाद सिंह कहलों की याचिका पर पक्षकारों को नोटिस भी जारी किया, जिसमें दंगों में नामित 62 पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की मांग की गई थी।

पिछले साल हुआ था एसआईटी का गठन

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 11 जनवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएन ढींगरा की अध्यक्षता वाली एसआईटी का गठन किया था और इसमें 186 दंगों के मामलों की जांच आगे बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राजदीप सिंह और सेवारत आईपीएस अधिकारी अभिषेक दुलार को शामिल किया था। हालांकि, एसआईटी में वर्तमान में केवल दो सदस्य हैं क्योंकि सिंह ने "व्यक्तिगत आधार" पर टीम का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था।

दिल्ली के बाद कानपुर रहा था प्रभावित

31 अक्टूबर 1984 की सुबह दो सिख सुरक्षा गार्डों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में अकेले दिल्ली में ही 2,733 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। दरअसल, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी जांच की मांग करने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस दिया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इन मामलों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था। दिल्ली में हुआ कत्लेआम के बाद कानपुर में सिखों की हत्या हुई थी। दिल्ली सिख दंगों को लेकर सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए पिछले साल 17 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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TAGS: 1984 anti-Sikh riots, SC, SIT, probe
OUTLOOK 29 March, 2019
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