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14 January 2020

निर्भया केस के दोषियों की फांसी तय, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की क्यूरेटिव पिटीशन

File Photo

निर्भया गैंग रेप केस के दोषियों की फांसी अब तय हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दो दोषियों विनय शर्मा और मुकेश सिंह की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में निर्भया केस के इन दोनों दोषियों की क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई की गई। जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। जस्टिस भानुमति और जस्टिस भूषण पहले रिव्यू पेटिशन खारिज करने वाली बेंच के सदस्य रहे हैं। दरअसल, डेथ वारंट जारी होने के बाद चार में से दो दोषियों विनय शर्मा और मुकेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन (सुधारात्मक याचिका) दायर कर राहत की गुहार लगाई थी।  

मैं पिछले 7 सालों से संघर्ष कर रही थी- पीड़िता की मां

दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज किए जाने के बाद निर्भया गैंग रेप पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है। मैं पिछले 7 सालों से संघर्ष कर रही थी, लेकिन सबसे बड़ा दिन 22 जनवरी होगा जब उन्हें (दोषियों को) फांसी दी जाएगी।

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क्यूरेटिव पेटिशन में एक दोषी ने कही ये बात

बता दें कि एक दोषी विनय शर्मा ने क्यूरेटिव पेटिशन में अपनी युवावस्था का जिक्र करने के साथ जेल में अपने आचरण, परिवार में बीमार माता-पिता और आश्रितों का हवाला देते हुए कहा कि उनके साथ  न्याय नहीं हुआ, जिस पर विचार किया जाए।

क्यूरेटिव पेटिशन में 17 मामलों का जिक्र

दोषियों विनय कुमार शर्मा और मुकेश सिंह ने अपनी क्यूरेटिव पेटिशन में कहा है कि दो साल पहले यानी वर्ष 2017 के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद 3 जजों की बेंच ने दुष्कर्म और हत्या से जुड़े 17 केस में दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील की है।

डेथ वारंट जारी होने के दो दिन बाद दोषियों ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

बता दें कि निर्भया कांड के दो दोषियों विनय कुमार शर्मा औैर मुकेश ने डेथ वारंट जारी होने के दो दिन बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दोषी विनय और मुकेश ने अपने कानूनी अधिकार का उपयोग करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन (सुधारात्मक याचिका) दायर की थी।

बीते सात जनवरी को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को डेथ वारंट जारी किया था। इसके आधार पर चारों की फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख निर्धारित की गई है।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि 16 दिसंबर,  2012 को वसंत विहार इलाके में चलती बस में कुल पांच दरिदों (राम सिंह, नाबालिग, मुकेश सिंह, विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता और अक्षय ठाकुर) ने निर्भया के साथ दुष्कर्म  किया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। छह में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि नाबालिग जुवेनाइल कोर्ट में अपनी सजा पूरी कर चुका है। उधर, निचली अदालत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी फांसी की सजा पर मुहर लगा चुका है। इस बीच दिल्ली की स्थानीय अदालत बचे चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन के खिलाफ फांसी देने के लिए डेथ वारंट भी जारी कर चुका है, जिसके तहत 22 जनवरी की सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी है।

जानें क्या है क्यूरेटिव पिटिशन

क्यूरेटिव पिटिशन(क्यूरेटिव याचिका) तब दायर किया जाता है जब किसी मामले के दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है। ऐसे में क्यूरेटिव पिटिशन ही उस दोषी के पास मौजूद अंतिम मौका होता है, जिसके जरिए वह अपने लिए पहले से तय की गई सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है। खास बात है कि क्यूरेटिव पिटिशन किसी भी मामले में अभियोग की अंतिम कड़ी होता है। क्यूरेटिव पिटिशन पर सुनवाई होने के बाद दोषी के लिए कानून के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं।

 

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TAGS: 2012 Delhi gang rape case, SC, dismisses, curative petitions, two convicts, Vinay Kumar Sharma, Mukesh Singh.
OUTLOOK 14 January, 2020
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