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07 February 2019

JNU राजद्रोह मामले में बोले केजरीवाल, पुलिस ने लगाए तीन साल, हमें भी फाइल के अध्ययन में लगेगा समय

File Photo

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) राजद्रोह मामले को लेकर सबकी निगाहें दिल्ली की केजरीवाल सरकार के रुख पर टिकी हुई है। इस मामले की चार्जशीट क्लियरेंस को लेकर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की फटकार के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान सामने आया है। केजरीवाल ने कहा कि है कि अभी फाइल का अध्ययन किया जा रहा है। लेकिन जब केजरीवाल से पूछा गया कि कोर्ट बार-बार पूछ रहा है कि चार्जशीट फाइल को दिल्ली सरकार क्लियरेंस नहीं दे रही तो केजरीवाल ने जवाब देते हुए कहा कि फाइल का अध्ययन करने में समय लग रहा है।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जेएनयू राजद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस के रवैये की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मामले का अध्ययन किया जा रहा है। पुलिस ने आरोपपत्र दायर करने के लिए तीन साल का समय लिया और फिर बिना इजाजत चुनाव से पूर्व इसे दायर कर दिया। दिल्ली पुलिस का यह कदम कई सवाल खड़े करता है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस को चार्जशीट पेश करने की इजाजत अभी तक नहीं दी है।

वरिष्ठ वकीलों से इस पर राय लेंगे

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जब केजरीवाल से चार्जशीट पर उनका रुख पूछा गया तो उन्होंने कहा, मत तो सरकार तय करेगी। वरिष्ठ वकीलों से इस पर राय लेंगे और गृह मंत्रालय तय करेगा।

बुधवार को कोर्ट ने 28 फरवरी तक टाल दी सुनवाई

कोर्ट में बुधवार को दिल्ली पुलिस ने बताया कि राजद्रोह के आरोपों पर दिल्ली सरकार की ओर से कोई अनुमति नहीं मिली है। इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि फाइल कहां अटकी हुई है। कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली पुलिस से कहा कि वो संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द मंजूरी देने को कहें। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि मंजूरी दिल्ली सरकार की ओर से लंबित है और कुछ ही दिनों में हासिल कर ली जाएगी। इस पर कोर्ट ने कहा, 'अधिकारी लंबे समय तक फाइल अटकाकर नहीं रख सकते।' इसके बाद कोर्ट ने चार्जशीट पर सुनवाई 28 फरवरी तक टाल दी।

कोर्ट ने इससे पहले दिल्ली पुलिस से इजाजत हासिल किए बिना कुमार और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र दायर करने को लेकर सवाल किए थे और उन्हें छह फरवरी तक का समय दिया था।

पुलिस ने कन्हैया कुमार सहित 10 के खिलाफ दायर की थी चार्जशीट

पुलिस ने 14 जनवरी को कन्हैया कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्रों- उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ शहर की एक अदालत में आरोप-पत्र दायर किया था। इसमें कहा गया था कि कुमार ने संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर विश्वविद्यालय में नौ फरवरी 2016 को रखे गए एक कार्यक्रम के दौरान सभा की अगुवाई की थी और उसने देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था।

 क्या है मामला

बता दें कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगाने के मामले पर दिल्ली पुलिस की चार्जशीट को अभी तक दिल्ली सरकार ने अनुमति नहीं दी है। दिल्ली पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, लेकिन पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने से पहले दिल्ली सरकार से मंजूरी नहीं ली थी। देशद्रोह के मामले में चार्जशीट पर कोर्ट राज्य सरकार की मंजूरी के बिना सुनवाई नहीं कर सकती।

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TAGS: 2016 JNU sedition case, CM Kejriwal says, Government, studying Kanhaiya Kumar, charge sheet
OUTLOOK 07 February, 2019
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