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04 May 2015

शर्मः 25 फीसदी भारतीयों ने कबूला छूआछूत

गूगल

इंडिया ह्यूमन डेवेलपमेंट सर्वे (आईएचडीएस-2) से पता चलता है कि मुसलमान, ईसाई अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समेत हर धर्म, जाति के भारतीयों ने छूआछूत का पालन करने की बात कबूली।

 

यह सर्वेक्षण नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लायड इकॉनमिक रिसर्च (एनसीएईआर) और अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय ने मिलकर यह सर्वेक्षण किया है और उसका पूर्ण अध्ययन इस साल बाद में रिलीज होगा। यह मुद्दा इस सप्ताहांत, ‘दलितों का उदय: महाराष्ट्र और अन्यत्र दलित साहित्य एवं सांस्कृतिक हस्तक्षेप का प्रभाव’ विषय पर एक सम्मेलन में जोर-शोर से उठा।

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योजना आयोग के पूर्व सदस्य बालचंद्र मुंगेकर, जेएनयू के आर्ट एंड एस्‍थेक्टिस के प्रोफेसर वाई.एस. एलोन, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक वामन केंद्रे,  वर्किंग ग्रुप ऑन अल्टरनेटिव स्ट्रेटेजी के सुहास बोरकर समेत वक्ताओं ने सामाजिक न्याय की मानसिकता के लिए संघर्ष छेड़ने का आह्वान किया। बोरकर ने इस सर्वेक्षण के नतीजों को सम्मेलन में रखा जिसके बाद राज्यसभा सदस्य मुंगेकर समेत अन्य वक्ताओं ने इन खुलासों को आहत करने वाला करार दिया।

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TAGS: छूआछूत, दलित, भारतीय, अस्पृश्यता, सर्वेक्षण, बुद्धिजीवी, लेखक, एनसीएईआर, मैरीलैंड विश्वविद्यालय, Dalit, India, untouchability, survey, intellectuals, writers, University of Maryland
OUTLOOK 04 May, 2015
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