जामिया मिलिया के छात्रों के पक्ष में उतरे आइआइटी- कानपुर, मद्रास और बॉम्बे के छात्र
कल कुछ आइआइटी और आइआइएम अहमदाबाद के छात्रों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून पर समर्थन के बाद आज आइआइटी- कानुपर, मद्रास और बॉम्बे के छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्याल के छात्रों के पक्ष में खड़े हो गए हैं। कल जामिया मिलिया में पुलिस बिना इजाजत कैंपस में घुस गई थी और छात्रों पर लाठीचार्ज किया था।
आइआइटी कानपुर में बड़ा मार्च
आमतौर पर तीनों ही आइआइटी किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन में कभी हिस्सा नहीं लेते हैं और हमेशा इन सबसे दूर रहते हैं। लेकिन आइआइटी कानपुर में एक पोस्टर लगाया गया है, जिस पर लिखा है, “उन्होंने जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों पर प्रहार किया, हमने कुछ नहीं बोला। उन्होंने एमटेक की फीस बढ़ाई, हमने कुछ नहीं बोला। उन्होंने जेएनयू में प्रदर्शनकारी छात्रों को खदेड़ा, हमने कोई जवाब नहीं दिया। अब जामिया और एएमयू हैं। अब भी अगर हम जवाब नहीं देते हैं, तो छात्र समुदाय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता संकट में होगी। इसलिए चलो जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कैंपस में एक मार्च के लिए इकट्ठे होते हैं।”
आइआइटी मद्रास भी छात्रों के पक्ष में
आइआइटी कानपुर में कल एक बड़ा मार्च आयोजित होने जा रहा है। आइआइटी मद्रास के छात्रों ने भी ठीक इसी तरह की विरोध रैली का आह्वान किया है। वहां छात्र कैंपस में ही गजेन्द्र सर्कल पर इकट्ठा होंगे। जबकि आइआइटी बॉम्बे के छात्र रविवार रात ही विरोध रैली निकाल चुके हैं।
कुछ छात्र नए कानून के पक्ष में भी
नागरिकता संशोधन कानून पर देशव्यापी विरोध हो रहा है। इस मुद्दे पर लगातार बढ़ रहे विरोध के बीच आइआइटी-आइआइएम और कुछ लॉ यूनिवर्सिटी के हजारों छात्रों ने इस कानून का समर्थन भी किया है। यहां के छात्रों का कहना है कि इस कानून से किसी भी भारतीय नागरिक के अधिकार का हनन नहीं होता है। इस पर भ्रम ज्यादा है। इसका विरोध करने से पहले एक बार इसे समझ लेना जरूरी है। इस कानून का विरोध करना बेमानी है। पक्ष में अभियान के लिए थिंक इंडिया चला रहा है। नागरिकता संशोधन कानून पर अब तक 1473 छात्र समर्थन कर चुके हैं।