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27 November 2020

सात महीने में 40 लाख कर्मचारियों को नौकरियां गंवानी पड़ी: कांग्रेस

File Photo

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया है कि हर साल 14 लाख युवाओं को रोजगार देने के चुनावी वादा कर सत्ता में आयी योगी सरकार के कार्यकाल में पिछले सात महीनो में 40 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र को कूड़ेदान में फेंक दिया है। प्रतिवर्ष 14 लाख युवाओं को रोजगार और सरकार बनने के 90 दिनों के भीतर सभी रिक्त सरकारी पदों के लिए पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया का वादा छलावा साबित हुआ है।

उन्होने कहा कि लगभग चार वर्ष पूरे करने वाली योगी सरकार अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में किये गये 14 लाख प्रतिवर्ष रोजगार देने के वादे के अनुसार अब तक लगभग 56 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए कानून कब बनायेगी। सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों की स्थायी नियुक्ति पर भी सरकार को अपना स्टैण्ड स्पष्ट करना चाहिए। शिक्षा मित्र, आंगनबाड़ी, अनुदेशक, आशा बहू, कस्तूरबा गांधी विद्यालय के शिक्षक, खेल प्रशिक्षक, रसोइयां इत्यादि के नियमतीकरण के लिए सरकार कब कानून बनायेगी।

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अजय लल्लू ने कहा कि भाजपा की केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की गलत आर्थिक और युवा विरोधी नीतियों के चलते देश के सबसे बड़े राज्य उप्र में आर्थिक आपातकाल जैसे हालत उत्पन्न हो गये। कोरोना महामारी आने के बाद हालात बद से बदतर होते चले गये। नवम्बर माह में ही केन्द्र के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि कोरोना काल में 39 लाख संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार उप्र में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो वर्ष 2011-12 के पांच करोड़ के आंकड़े को भी पार कर गयी होगी।

उन्होने कहा कि कोरोना काल के पहले ही बेरोजगारी अपने चरम पर थी जैसा कि श्रम मंत्रालय उप्र के मंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में सदन में लिखित जवाब दिया था कि बेरोजगारी दर 2018 के 5.92 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2019 में लगभग दो गुना बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो चुकी थी। कोरोना के बाद यह स्थिति और भी भयावह हो गयी।

लल्लू ने कहा कि सरकार यह बताये कि जिनकी नौकरियां गयी हैं उनको समायोजित करने की दिशा में क्या प्रयास किये जा रहे हैं। क्या सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए अपने घोषणापत्र के अनुसार कोई कानून बनायेगी। आंगनबाड़ी, शिक्षामित्र, अनुदेशक, आशा बहु, रोजगार सेवक, कस्बूरबा गांधी विद्यालयों के शिक्षक, खेल प्रशिक्षक आदि विभिन्न वर्गों के लोग सरकार की गलत नीतियों से अनके प्रकार के शोषण और उत्पीड़न के शिकार हैं, क्या सरकार इन लोगों को राहत प्रदान करेगी।

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TAGS: 40 lakh employees, Congress, Rahul Gandhi, Uttar Pradesh, CM Yogi
OUTLOOK 27 November, 2020
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