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15 October 2020

वायु प्रदूषण को लेकर केन्द्र और दिल्ली सरकार के बीच बयानबाजी शुरु

दिल्ली की दमघोटू आबोहवा को लेकर गुरुवार को केंद्र और दिल्ली सरकार में फिर बयानबाजी शुरु हो गई।


यह बयानबाजी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के उस बयान पर शुरु हुई जिसमें उन्होंने कहा है कि दिल्ली में पराली की वजह से सिर्फ चार प्रतिशत प्रदूषण होता है, शेष प्रदूषण यहां की ही स्थानीय समस्याओं के कारण होता है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके जवाब में कहा है कि बार-बार इनकार करने से कुछ नहीं होगा. अगर पराली जलने से सिर्फ चार फीसदी प्रदूषण हो रहा है तो फिर अचानक रात में ही कैसे प्रदूषण फैल गया? उससे पहले तो हवा साफ थी। यही कहानी हर साल होती है। कुछ ही दिनों में दिल्ली में प्रदूषण को लेकर ऐसा कोई उछाल नहीं हुआ है?

केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा ," इस बात को मानना पड़ेगा कि हर वर्ष उत्तर भारत में पराली जलने की वजह से प्रदूषण फैलता है और इसके निदान के लिए हमें साथ में मिलकर लड़ना होगा। राजनीति करने और एक दूसरे पर आरोप लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा, लोगों को नुकसान हो रहा है। कोरोना के वक्त में इस तरह प्रदूषण का संकट चिंता का विषय है।"

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मुख्यमंत्री ने राजधानी में प्रदूषण से लड़ने के लिए आज से ' लाल बत्ती जली,गड्डी बंद ' अभियान की शुरुआत भी की है। उन्होंने वाहन चालकों से अपील की कि सभी संकल्प लें कि रेड लाइट पर वे अपनी गाड़ी बंद करेंगे।

उन्होंने कहा कि लाल बत्ती होने पर वाहन को बंद करने से प्रदूषण कम करने में मदद के साथ ही वाहन मालिक की भी बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा," एक गाड़ी रोज़ तक़रीबन 15-20 मिनट रेड लाइट पर बिताती है और उसमें तक़रीबन 200 एमएल तेल की खपत होती है। अगर आप रेड लाइट पर गाड़ी बंद करना शुरू कर दें तो आपके 7000 रुपए साल के बच सकते हैं।"

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TAGS: वायु प्रदूषण, केन्द्र सरकार, दिल्ली सरकार, अरविंद केजरीवाल, प्रकाश जावड़ेकर, rhetoric started, Center, Delhi government, air pollution
OUTLOOK 15 October, 2020
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