भारत की जीत: राणा के प्रत्यर्पण के पीछे का कानूनी और कूटनीतिक प्रयास
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में भारत की सफलता महज एक कानूनी जीत नहीं थी - यह अदालत में सावधानीपूर्वक की गई दलीलों और रणनीतिक कूटनीतिक प्रयासों का संयोजन था।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया में शामिल एक अधिकारी ने यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई को दी। नाम न बताने की शर्त पर बोलते हुए अधिकारी ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक राणा का दोहरा खतरा बचाव था।
अमेरिका में उसकी कानूनी टीम ने तर्क दिया कि चूंकि उस पर पहले से ही संबंधित अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा चुका है, इसलिए उस पर फिर से मुकदमा चलाना गैरकानूनी होगा।
हालांकि, भारतीय कानूनी विशेषज्ञों ने इस तर्क का प्रभावी ढंग से प्रतिवाद किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि दोहरा खतरा विशिष्ट अपराधों पर लागू होता है, सामान्य आचरण पर नहीं, तथा भारत के गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत राणा पर मुकदमा, अमेरिका में उसके पिछले मुकदमे से अलग है।
अमेरिकी अदालत और अमेरिकी न्याय विभाग ने भारत के तर्क को स्वीकार कर लिया, जिससे उसके प्रत्यर्पण का कानूनी रास्ता साफ हो गया।
लेकिन सिर्फ़ कानूनी दलीलें ही काफ़ी नहीं थीं- दूसरा अहम कारक भारत का मज़बूत कूटनीतिक प्रभाव था। पर्दे के पीछे, भारतीय अधिकारियों ने अथक परिश्रम किया, देश की वैश्विक स्थिति और अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंधों का लाभ उठाते हुए यह सुनिश्चित किया कि प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़े।
प्रत्यर्पण से परिचित सूत्रों के अनुसार, भारत की कूटनीतिक मौजूदगी ने चुनौतियों पर काबू पाने और राणा को उम्मीद से पहले सौंपने में अहम भूमिका निभाई।
अंततः, ठोस कानूनी कार्यवाही और मजबूत कूटनीति के संयोजन से यह सुनिश्चित हो गया कि राणा को शीघ्र ही भारत लाया जाएगा, जो भारत सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण जीत थी। राणा के प्रत्यर्पण के घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने एएनआई को बताया कि तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों को सामान्य आश्वासन दिया गया है
ऊपर उद्धृत लोगों ने कहा कि इन सामान्य आश्वासनों में ऐसी शर्तें शामिल हैं कि जेल में उसे सुरक्षा दी जाएगी, भारत में हिरासत अवधि के दौरान उसे प्रताड़ित नहीं किया जाएगा आदि। शर्तों में यह भी शामिल है कि उस पर केवल उन्हीं अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जाएगा जिनके लिए उसे प्रत्यर्पित किया गया है।
बुधवार को सूत्रों के अनुसार, मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के अमेरिका द्वारा प्रत्यर्पण संबंधी सभी बाधाओं के समाधान के बाद गुरुवार को विशेष विमान से भारत आने की उम्मीद है। 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक को लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया था।