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08 October 2018

बैंकों और डाकघरों में आधार नामांकन सेवाएं पहले की तरह चलती रहेंगी: UIDAI

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा कि आधार के इस्तेमाल पर प्रतिंबध लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के आदेश से बैंकों, डाकघरों और सरकारी परिसरों में चल रहे आधार नामांकन और अद्यतन सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडे ने बताया कि शीर्ष न्यायालय ने कहा कि बैंक खाते खोलने के लिए आधार अनिवार्य नहीं है लेकिन बैंकों और डाकघरों में चल रहे आधार नामांकन और उनमें ताजा जानकारी जोड़ने की अद्यतन गतिविधियां चलती रहेंगी क्योंकि यह सत्यापन सेवा से अलग हैं।

पांडे ने कहा, "बैंक खाते खोलने और अन्य सेवाओं के लिए आधार का ऑफलाइन मोड में उपयोग किया जा रहा है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, पैन-आईटीआर में आधार के इस्तेमाल को वैधानिक ठहाराया गया है। पूरी आधार व्यवस्था में बैंकों की भूमिका बहुत अहम है। इसलिए, आधार नामांकन और अद्यतन गतिविधियां पहले की तरह ही जारी रहेंगी।" उन्होंने कहा कि आधार के लिए नामांकन और अद्यतन सेवाएं, सत्यापन सेवाओं से पूरी तरह से अलग हैं। पांडे ने कहा, "60 से 70 करोड़ लोग के पास पहचान के लिये केवल आधार कार्ड एकमात्र पहचान पत्र है, इसलिए इसका स्वैच्छिक ऑफलाइन उपयोग जारी रहेगा।

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टिप्पणियां बैंकों और डाकघरों में 13,000-13,000 केंद्र स्थापित किए गए हैं। जरूरत पड़ने पर और केंद्र खोले जाएंगे।" प्राधिकरण ने कहा कि सेवा प्रदाता कंपनियां ई-आधार या क्यूआर कोड जैसी ऑफलाइन तकनीकों से किसी व्यक्ति की पहचान की पुष्टि कर सकती हैं। उसने कहा कि इसके लिए बायोमीट्रिक आंकड़ों या 12 अंक की आधार संख्या को जाहिर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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TAGS: Aadhaar, enrolment, update services, banks, post offices, UIDAI, CEO
OUTLOOK 08 October, 2018
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