कृषि कानून: 26, 27 नवंबर को दिल्ली कूच करेंगे पंजाब के किसान
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में रेलवे सेवाएं ठप करने वाले पंजाब के किसानों ने 26 व 27 नवम्बर को दिल्ली घेरने की तैयारी कर ली है। इधर रेल सेवाओं की बहाली को लेकर बरकरार गतिरोध को तोड़ने के लिए पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा है।
दिल्ली घेरने की तैयारी कर रहे आंदोलनकारी किसानों से किसान संगठनों ने कहा है कि भले ही उन्हें दिल्ली व हरियाणा की सीमा पर रोकने के पुलिस लाख प्रयास करें पर वे वहीं डेरा डाल लेंगेे जहां पुलिस द्वारा उन्हंे रोका जाएगा। राजधानी से जुड़ने वाले 5 मुख्य मार्ग कुंडली बॉर्डर, जयपुर-दिल्ली हाईवे, आगरा-दिल्ली हाईवे, रोहतक-हिसार-दिल्ली हाईवे और बरेली-दिल्ली हाईवे के जरियेे दिल्ली पहुंचा जाएगा।जहां पर भी रोकने की कोशिश की गई, वहीं पर पक्का मोर्चा लगा दिया जाएगा। मीटिंग में ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी मेंबर योगेंद्र यादव, बीएस राजेवाल व गुरनाम सिंह चढूनी की अगुआई में किसान फोरम और ऑल इंडिया किसान महासंघ नेताओं ने किसानों से कहा कि ट्रैक्टर-ट्रालियों पर चार महीने का राशन लेकर निकलें।
किसानों के आंदोलन के संचालन के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के संचालन और संगठनों के बीच तालमेल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 7 सदस्य कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी के सदस्यों में बलबीर सिंह राजेवाल, वीएम सिंह, राजू शेट्टी (हन्नान मौल्ला), शिव कुमार कक्काजी, जगजीत सिंह डल्लेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव शामिल हैं। योगेंद्र यादव ने कहा कि देशभर के करीब 500 किसान संगठन दिल्ली में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन के लिए कूच करेंगे। इधर प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात का समय मांगने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि किसानों से गतिरोध खत्म करने के लिए केंद्र सरकार को उदारता से काम लेना चाहिए। मालगाड़ियां चलाने की पहल की जाए व यात्री गाड़ियांे को हालात पूरी तरह सामान्य होने के बाद बहाल किया जाए।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एंव सीईओ विनोद कुमार यादव ने साफ कर दिया है कि जब तक माल व यात्री गाड़ियों के लिए रेलवे ट्रैक्स पूरी तरह खाली नहीं हो जाते जब तक रेल सेवाएं बहाल नहीं की जाएंगी। रेलवे बोर्ड इस बात पर अड़ा है कि केवल माल गाड़ियों का संचालन नहीं करेगा,यात्री व माल गाड़ियां दोनों की सेवाएं ही एक साथ बहाल होंगी। जबकि किसान संगठन केवल माल गाड़ियों का संचालन बहाल करने के पक्ष में हैं और यात्री गाड़ियांे को फिलहाल नहीं चलने देने की चेतावनी दी है। 24 सिंतबर से रेल सेवाएं बाधित होने से पंजाब के थर्मल प्लांटों में ठप हुई कोयले की आपूर्ति की वजह से बिजली उत्पादन बंद हैं,आयात-निर्यात प्रभावित है और औद्योगिक इकाइयों में भी इससे प्रभावित हैं। आंदोलन के कारण कश्मीर और लेह लद्दाख में फौज को रसद की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।