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29 August 2025

वायु प्रदूषण से आठ वर्ष से अधिक तक घट सकती है दिल्लीवासियों की जीवन प्रत्याशा: रिपोर्ट

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण भले ही मानसून की मेहरबानी से हवा साफ चल रही हो, लेकिन वर्ष दर वर्ष बीतने के बावजूद वायु प्रदूषण के हालात में बहुत सुधार नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह जमीनी स्तर पर साल भर कारगर कदम नहीं उठाना है। अगर वायु प्रदूषण का यही स्तर रहा तो लोगों की औसत आयु 8.2 वर्ष घट जाएगी।

पीटीआई के मुताबिक, शिकागो विश्वविद्यालय की वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में औसत सूक्ष्म कण पदार्थ (पीएम 2.5) का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशा-निर्देश से 20 गुना अधिक है। साल 2023 में शहर में पीएम 2.5 की मात्रा 111.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई थी। यह डब्ल्यूएचओ की तय सीमा 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 22 गुना अधिक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जहरीली हवा के कारण दिल्लीवासियों की जीवन प्रत्याशा में सबसे अधिक कमी आई है, जो विश्व के किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक है।

दिल्ली सहित सिंधु-गंगा का मैदान सबसे प्रदूषित क्षेत्र बना हुआ है, जहां वायु प्रदूषण से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी सबसे ज़्यादा बोझ है। विशेषज्ञों का कहना है कि वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर अंकुश लगाना, औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करना और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की समस्या से निपटना, राजधानी में प्रदूषित हवा के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिए बेहद ज़रूरी है।

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शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान (ईपीआईसी) की तरफ से 2025 की AQLI रिपोर्ट तैयार की गई है। उपग्रह से प्राप्त पीएम2.5 आंकड़ों के आधार पर यह वैश्विक और क्षेत्रीय प्रदूषण के स्तर और मानव स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव का आकलन करती है।

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TAGS: Air pollution, reduce life expectancy, Delhiites, eight years
OUTLOOK 29 August, 2025
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