गाय पर दया दिखाई, अजमेर दरगाह मुखिया की पदवी गंवाई
यह पद पीढ़ियों से एक परिवार के उत्तराधिकारी संभालते आ रहे हैं। पिछली 12वीं-13वीं शताब्दी से दीवान का पद इस परिवार के पास है। दीवान का दरगाह प्रबंधन पर कोई नियंत्रण नहीं रहता लेकिन उसे प्रबंधन से महीने में कुछ राशि दी जाती है। नए दीवान ने कहा कि उन्हें तनख्वाह में कोई रुचि नहीं है। अबेदिन को इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने इस्लाम कानून के नियमों को तोड़ते हुए अपनी बात कही। अलाउदीन अलीमी ने कहा, मैंने मुफ्तियों (इस्लाम के विद्वान जो शरिया की व्याख्या करते हैं) से बात की और हम उनके खिलाफ फतवा जारी करने जा रहे हैं। अब वह मुस्लिम नहीं रहे। अबेदिन 1987 से सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दरगाह के दीवान पद पर थे।
बीते सोमवार को अबेदिन ने कहा था कि भारत में मुस्लिमों को गोमांस से दूर रहना चाहिए और देश में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए गौमांस से दूर रहना चाहिए। अबेदिन ने यह बात दरगाह की 805 वें वार्षिक महोत्सव में की। इस महोत्सव में भारत की विभिन्न दरगाहों से उनके मुखिया इसमें भाग लेने आए थे। उन्होंने यह घोषणा भी की थी कि वह और उनका परिवार अब कभी गौमांस नहीं खाएगा।