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06 January 2022

इनके कंधों पर होता है पीएम की सुरक्षा का सारा जिम्मा, जानें क्या है प्रोटोकॉल

पीटीआई

प्रधानमंत्री की सुरक्षा देश में सबसे ज्यादा कड़ी होती है, जिसका पूरा जिम्मा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) पर होता है। इन्हें दूसरी एजेंसियों का भी सपोर्ट मिलता है जिसमें एनएसजी कमांडो, स्थानीय पुलिस, अर्धसैन्य बल की टुकड़ी और केंद्र व राज्य की खुफिया एजेंसियों को भी शामिल किया जाता है। भारत के प्रधानमंत्री को 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराने की पूरी जिम्मेदारी एसपीजी यानी स्पेशन प्रोटेक्शन ग्रुप की होती है।

इन जवानों को अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस के अनुसार ट्रेनिंग दी जाती है। प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं, एसपीजी के सटीक निशानेबाज हर कदम पर उनके पास तैनात होते हैं। ये शूटर एक सेकंड के अंतर आतंकियों को मार गिराने में सक्षम होते हैं। एसपीजी के जवान एमएनएफ 2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमेटिक गन और 17 एम रिवॉल्वर जैसे हशियारों से लैस होते हैं।

एसपीजी के साथ ही पुलिस भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाती है। हजारों पुलिस के जवान उनके आस-पास तैनात होते हैं। प्रधानमंत्री के स्थानीय कार्यक्रमों में एसपीजी के मुखिया खुद मौजूद रहते हैं। अगर किसी वजह से मुखिया अनुपस्थित होता है तो सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंधन उच्च पद के किसी भी अधिकारी की ओर से किया जाता है।

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प्रधानमंत्री जब भी अपने आवास से सभा में अपनी भागीदारी देने बाहर जाते हैं तो पूरे मार्ग का एक तरफ का यातायात 10 मिनट के लिए बंद कर दिया जाता है। इस दौरान पुलिस के दो वाहन सायरन बजाकर मार्ग पर गश्त करते हैं। उनके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि जिस मार्ग से प्रधानमंत्री गुजरेंगे, वह पूरी तरह से बाधारहित हो।

प्रधानमंत्री के काफिले में 2 बख्तरबंद बीएमडब्ल्यू, 7 सीरीज सेडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स और एक मर्सिडीज बेंज एंबुलेंस के साथ एक दर्जन से अधिक वाहन मौजूद होते हैं। इसके अलावा एक टाटा सफारी जैमर भी काफिले के साथ चलती है। प्रधानमंत्री के काफिले के ठीक आगे और पीछे पुलिस के सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां होती हैं। बाईं और दाईं ओर दो और गाड़ियां होती हैं। इस बीच प्रधानमंत्री का बुलेटप्रूफ वाहन होता है।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मद्देनजर हमेशा उनके काफिले में दो डमी कारें शामिल होती हैं। जैमर वाहन के ऊपर कई एंटीना होते हैं। ये एंटीना सड़क के दोनों ओर रखे गए बमों को 100 मीटर की दूरी पर डिफ्यूज में सक्षम होते हैं। इस सभी कारों पर एनएसजी के शूटर मौजूद रहते हैं। सुरक्षा के उद्देश्य से प्रधानमंत्री के साथ लगभग 100 लोगों का एक दल होता है। जब प्रधानमंत्री चलते हैं, तो भी वे वर्दी के साथ-साथ सिविल ड्रेस में एनएसजी के कमांडों से घिरे होते हैं।

 

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TAGS: प्रधानमंत्री के काफिले का प्रोटोकॉल, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप, एसपीजी, सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस, Protocol of Prime Minister's convoy, Guidelines of Special Protection Group, SPG, Secret Service
OUTLOOK 06 January, 2022
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