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12 September 2024

'सारा विश्वास खत्म हो गया...', सीजेआई चंद्रचूड़ के घर पीएम मोदी की गणेश आरती पर भारी हंगामा

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने को लेकर उठे विवाद के बीच भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा और उनकी प्रतिक्रियाओं को 'लापरवाह' बताया तथा कहा कि उच्चतम न्यायालय पर 'आधारहीन आक्षेप' लगाना एक खतरनाक मिसाल कायम करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को सीजेआई के आवास पर गणपति पूजा में हिस्सा लिया। एक वीडियो में चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना दास को अपने घर पर मोदी का स्वागत करते हुए देखा जा सकता है।

कई विपक्षी नेताओं और सुप्रीम कोर्ट के कुछ वकीलों ने प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य न्यायाधीश के आवास पर पूजा में शामिल होने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

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शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "गणपति उत्सव मनाया जा रहा है और लोग एक-दूसरे के घर जा रहे हैं। मुझे जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री किसी के घर गए हैं या नहीं। गणपति उत्सव दिल्ली में कई स्थानों और महाराष्ट्र सदन में मनाया जा रहा है।"

राउत ने कहा, "हालांकि, प्रधानमंत्री सीजेआई के आवास पर गए। उन्होंने साथ में आरती की। हमें लगता है कि अगर संविधान के संरक्षक राजनीतिक नेताओं से मिलेंगे तो लोगों को संदेह होगा।"

एक्स पर एक पोस्ट में वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के पृथक्करण के मामले में समझौता किया है।

उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, "सीजेआई की स्वतंत्रता में सारा विश्वास खत्म हो गया है। एससीबीए (सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन) को सीजेआई की कार्यपालिका से स्वतंत्रता के इस सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित समझौते की निंदा करनी चाहिए।"

पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने कहा कि हालांकि वामपंथी उदारवादियों ने प्रधान न्यायाधीश के आवास पर कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के शामिल होने पर रोना शुरू कर दिया है, लेकिन "यह सामाजिक मेलजोल नहीं बल्कि समर्पित गणपति पूजा थी।" 

संतोष ने जयसिंह की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं रोने लगी! शिष्टाचार, सौहार्द, एकजुटता, राष्ट्र यात्रा में सहयात्री, ये सभी वामपंथी उदारवादियों के लिए अभिशाप हैं। इसके अलावा यह सामाजिक नहीं था, बल्कि एक समर्पित गणपति पूजा थी, जिसे पचाना बहुत मुश्किल है। एससीबीए कोई नैतिक कम्पास नहीं है। एक बार गहरी सांस लें।"

एक अन्य पोस्ट में भाजपा नेता ने लिखा, "कल की पूजा और आरती ने देशभर में कई लोगों की नींद, मॉर्निंग वॉक और चाय-नाश्ता खराब कर दिया।"

शिवसेना के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने भी आलोचकों की आलोचना की और कहा कि गणपति आरती के लिए प्रधान न्यायाधीश के आवास पर प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर "लापरवाह टिप्पणी" देखना दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, "जब फैसले उनके पक्ष में आते हैं, तो विपक्ष सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता की प्रशंसा करता है, लेकिन जब चीजें उनके अनुरूप नहीं होती हैं, तो वे सुविधाजनक ढंग से दावा करते हैं कि न्यायपालिका समझौता कर रही है।"

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय पर इस तरह के निराधार आरोप लगाना एक खतरनाक मिसाल कायम करता है।

देवड़ा ने कहा, "विपक्ष द्वारा सीजेआई की विश्वसनीयता को कम करने का यह लापरवाही भरा प्रयास न केवल गैरजिम्मेदाराना है, बल्कि संस्था की अखंडता को भी नुकसान पहुंचा रहा है। भारत की राजनीति एक बदसूरत मोड़ ले रही है।"

उन्होंने कहा कि "मनमाने न्यायिक नियुक्तियों" का युग बहुत पहले समाप्त हो चुका है और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश ने अत्यंत ईमानदारी के साथ अपने पद की सेवा की है।

देवड़ा ने कहा, "जो लोग उनकी विरासत और विश्वसनीयता को धूमिल करना चाहते हैं, वे गलत निर्णय ले रहे हैं और राष्ट्र के सर्वोत्तम हितों के विरुद्ध काम कर रहे हैं।"

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TAGS: Pm narendra modi, cji chandrachud, trust, ganesh aarti, supreme court
OUTLOOK 12 September, 2024
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