अमरनाथ यात्रा: 15 साल बाद बड़ा आतंकी हमला, पीएम बोले, ‘नहीं झुकेंगे’
आतंकियों ने सोमवार रात लगभग साढ़े आठ बजे जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बटेंगू में इस वारदात को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि आतंकी बाइक पर सवार होकर आए थे। गुजरात के वलसाड़ से आए तीर्थयात्रियों की बस पर अंधाधुंध फायरिंग कर भाग निकले।
दिल दहला देने वाला ऐसा ही हमला आज से 15 साल पहले अमरनाथ यात्रियों पर हुआ था। 1 अगस्त 2000 को हुए इस हमले में 30 लोग मारे गए थे। साल 2000 में पहलगाम में आधार शिविर पर हमले में 30 लोग मारे गए थे। फिर 2001 में 15 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी, वहीं 2002 में दो हमले हुए जिसमें 10 श्रद्धालुओं की जान गई थी।
कश्मीर और मुस्लिम के नाम पर धब्बा: मुफ्ती
अनंतनाग पर अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हास्पिटल पहुंचकर घायल यात्रियों का हालचाल लिया। उन्होंने कहा कि आतंकी हमले से सारे कश्मीरियों के सिर शर्म से झुक गए हैं। उन्होंने कहा कि हमले में शामिल लोगों ने कश्मीर और मुस्लिमों के नाम पर बड़ा धब्बा लगा दिया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारी पुलिस और सुरक्षाबल हमले के दोषियों को जल्द पकड़कर कड़ी-कड़ी से सजा देगी।
भारत ऐसे हमलो के आगे नहीं झुकेगा : मोदी
हमले पर पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ऐसे कायराना हमलों के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की और सभी तरह की मदद का वादा किया।
Pained beyond words on the dastardly attack on peaceful Amarnath Yatris in J&K. The attack deserves strongest condemnation from everyone.
— Narendra Modi (@narendramodi) 10 July 2017
राजनाथ ने की राज्यपाल से बात
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हमले की जानकारी के बाद जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सईद और राज्यपाल एनएन वोहरा को फोन कर ताजा स्थिति पर चर्चा की। राजनाथ ने यात्रा को सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत बनाने के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा पर सवाल
अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर में पूरे यात्रा मार्ग पर भारी सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। इसके बाद भी आतंकी अपने मंसूबे में सफल हो गए। यह भी कहा जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों ने 25 जून को ही श्रद्धालुओं पर आतंकी हमले का अलर्ट जारी कर दिया था।
साथ ही सेना, अर्द्धसैनिक बल व पुलिस के 40 हजार से ज्यादा जवान सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे। इन सबके बाद भी हुए इस आतंकी हमले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।